RANCHI: दांत की समस्या लेकर डेंटिस्ट के पास आए मरीज को यदि अचानक हार्ट अटैक हो, तो डॉक्टर को फौरन उसके मुंह में जीटीएन स्पे्र डालना चाहिए। उसे चैंबर में फ्लैट न सुलाएं और तुरंत एस्पिरिन फ्ख्भ् एमजी चबाकर खाने के लिए कहें। यह सब करने के बाद उसे एंबुलेंस मंगाकर अस्पताल भेजें, ताकि उसकी जान बचाई जा सके। ये बातें कलकत्ता इंस्टीटयूट ऑफ मैक्सिलोफेशियल सर्जरी एंड रिसर्च के डायरेक्टर और चीफ सर्जन डॉ सृजन मुखर्जी ने कहीं। वह रविवार को होटल लीलैक में दंत चिकित्सकों के सीएमई को संबोधित कर रहे थे। इसका विषय मैनेजमेंट ऑफ मेडिकल इमरजेंसी इन डेंटिस्ट्री था।

फ्0 परसेंट एल्डर कार्डियक पेशेंट्स

श्री मुखर्जी ने बताया कि डेंटिस्ट के पास पहुंचनेवाले एल्डरली मरीजों में फ्0 प्रतिशत कार्डियक पेशेंट होते हैं। इसके अलावा यदि किसी पेशेंट का अगर शुगर लेवल कम हो जाए तो उसे तुरंत शुगर देना चाहिए। इसलिए डेंटिस्ट के चैंबर में हाई कंसन्ट्रेट शुगर ग्लूकोज भी होना चाहिए। इसके अतिरिक्त सीवियर एलर्जी जिसे एनाफाइलेक्सिस कहा जाता है में मरीज का शरीर फुल जाता है। उसकी सांस की नली भी फुल जाती है। ऐसे में उसे दंत चिकित्सकों को एड्रिनिलिन देना चाहिए। यह सांस की नली को खोल देता है और हार्ट बीट और उसकी पंपिंग स्पीड को बढ़ा देता है। मौके पर मुख्य रूप से इंडियन डेंटल एसोसिएशन रांची चैप्टर के सेक्रेटरी डॉ सुशील कुमार, डॉ रोहित अग्रवाल, डॉ रमेश बजाज, डॉ अंशू साहू, डॉ विशाल भगत और डॉ विनीत समेत कई डेंटिस्ट उपस्थित थे।