- अपराध अनुसंधान विभाग में तैनात हैं डॉ विनोद कुमार चौधरी

- वर्ष 2014 में गोपालगंज जिले में तैनाती के दौरान लगा था आरोप

- दो पक्षों में मारपीट के बाद हुआ था साम्प्रदायिक तनाव

PATNA : अपराध अनुसंधान विभाग में तैनात डीआइजी डॉ। विनोद कुमार चौधरी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। मामला गोपालगंज में वर्ष ख्0क्ब् में हुए साम्प्रदायिक तनाव से जुड़ा है। आरोपित पुलिस अफसर उस समय गोपालगंज में एसपी थे। डीजीपी की समीक्षा के बाद सरकार ने कार्रवाई का निर्णय लिया है। सरकार के संयुक्त सचिव रंजन कुमार सिन्हा ने मंगलवार को आदेश जारी किया है।

ये है मामला

डॉ। विनोद कुमार चौधरी वर्ष ख्0क्ब् में जब गोपालगंज के एसपी थे, तभी क्7 फरवरी को दो पक्षों में मारपीट हो गई। घटना उंचगांव थाना क्षेत्र के श्यामपुर गांव में हुई। घटना के बाद गांव में साम्प्रदायिक तनाव फैल गया। लेकिन स्थानीय पुलिस द्वारा न तो इस संबंध में सूचना एकत्र नहीं की गई और न ही स्थिति का जायजा लिया गया। इतना ही नहीं वहां सशस्त्र पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति भी नहीं की गई। इस लापरवाही के कारण वहां दूसरे दिन फिर मारपीट हुई।

अधिकारियों को नहीं दी गई सूचना

स्थानीय पुलिस द्वारा उच्चाधिकारियों को घटना की सूचना नहीं दी गई और डीआइजी सारण क्षेत्र छपरा के आदेश का अनुपालन भी नहीं किया गया। यह बड़ी लापरवाही और मनमानी का मामला माना गया। पुलिस अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया।

लापरवाही का आरोप

इस घटना में तत्कालीन एसपी गोपालगंज डॉ। विनोद कुमार चौधरी पर उपेक्षापूर्ण कार्रवाई उनकी घोर लापरवाही, कर्तव्यहीनता, असंवेदनशीलता, आदेशों का उलंघन के साथ अयोग्य पुलिस अधिकारी होने का आरोप लगा। इस मामले जवाब तलब किया गया और जांच में उनका पक्ष भी लिया गया।

सरकार ने लिया था निर्णय

आरोपित पुलिस अफसर के बचाव बयान मिलने के बाद डीजीपी के मंतव्य समीक्षा उपरांत सरकार द्वारा उनके विरूद्ध विभागीय कार्रवाई का निर्णय लिया गया। सरकार के संयुक्त सचिव रंजन कुमार सिन्हा ने मंगलवार को जारी आदेश में अपेक्षा की है कि डॉ। चौधरी विभागीय जांच आयुक्त के समक्ष दस दिनों के अंदर उपस्थित हों। इस मामले में सीएम का भी अनुमोदन प्राप्त होने की बात कही गई है।