निलंबित आबकारी सिपाही के खिलाफ चल रही है विभागीय जांच

आबकारी के डिप्टी कमिश्नर आजमगढ़ कर रहे हैं सिपाही पर लगे आरोपों की तफ्तीश

ALLAHABAD: आबकारी इंस्पेक्टर और सिपाही पर हमले के मामले में आबकारी के ही निलंबित सिपाही अनिल सिंह के बेटे का नाम आ रहा है। जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय में तैनात रह चुके निलंबित सिपाही अनिल सिंह लंबे समय से विवादों में घिरे हैं। उनके ऊपर कई गंभीर आरोप भी हैं। जिनकी उच्च स्तरीय जांच चल रही है। इतना ही नहीं उनकी घायल इंस्पेक्टर इन्द्रजीत गर्ग और सिपाही शशांक यादव से भी विवाद चल रहा है। विभागीय लोगों की माने तो आरोपी अनिल और इंस्पेक्टर इन्द्रजीत के बीच कुछ समय पहले भी विवाद हुआ था। पांच माह पूर्व हुए इस विवाद के दौरान आबकारी निरीक्षक इंद्रजीत गर्ग, सिपाही शशांक सिंह व कुछ अन्य कर्मचारियों को दफ्तर में घुसकर धमकी दी गई थी। हालांकि उस मामले में किसी ने एफआइआर नहीं दर्ज कराई थी। गुरुवार को हुए जानलेवा हमले के बाद घायल आबकारी इंस्पेक्टर की ओर से दी गई तहरीर में इन सभी बातों का जिक्र किया गया है।

दी थी जान से मारने की धमकी

आबकारी इंस्पेक्टर इन्द्रजीत गर्ग और आरोपी सिपाही के बेटे के बीच हुए विवाद के दौरान 24 जून को सिपाही अनिल सिंह के बेटे राहुल व अतुल असलहा लेकर दफ्तर में घुस आए थे और जान से मारने की धमकी दी थी। गुरुवार को हमले के पीछे जिस घटना को कारण बताया गया है, उसकी पुष्टि के लिए अधिकारियों ने करेली थाने में दर्ज रिपोर्ट का पन्ना फिर से पलटा। घटना इसी साल 23 जून की शाम को हुई थी। करेलाबाग स्थित देशी शराब की दुकान पर आबकारी निरीक्षक इंद्रजीत गर्ग, मैथिलीशरण सिंह, सिपाही शशांक समेत अन्य कर्मचारियों की टीम ने छापेमारी की थी। सेल्समैन के बुलाने पर पहुंचे आबकारी सिपाही अनिल सिंह की इंस्पेक्टर व अन्य से झड़प हो गई थी। देखते ही देखते उनके बीच मारपीट होने लगी तो स्थिति बिगड़ गई। करेली पुलिस ने सेल्समैन व अनिल को रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। वहीं इस घटना के बाद आबकारी अधिकारियों ने दुकान के साथ ही सिपाही को भी निलंबित कर दिया गया था। उसी रंजिश में गुरुवार को हमले का आरोप लगा है। फिलहाल पुलिस टीम आरोपियों के बारे में धूमनगंज व अन्य क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाली, लेकिन कुछ खास सुराग नहीं मिले। पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम देर रात अभियुक्तों के घर कटरा, झूंसी व अन्य ठिकानों पर छापेमारी की, तो पता चला कि सभी घर में ताला बंद फरार हो गए हैं। कई करीबियों को उठाकर पूछताछ की जा रही है।

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हर पहलू पर पुलिस की पैनी नजर

हमले में अनिल सिंह के बेटे राहुल सिंह व एक अज्ञात को नामजद किया गया है। जबकि अनिल व दूसरे बेटे अतुल को शक के दायरे में रखा गया है। नामजद रिपोर्ट से हटकर भी इंस्पेक्टर व सिपाही के अन्य विवादों के बारे में पुलिस जांच कर रही है। जांच में पुलिस को यह भी पता चला है कि 23 जून को हुई घटना के बाद अनिल व इंद्रजीत गर्ग पक्ष के बीच समझौता हो गया था। इसके बाद फिर ऐसी कौन सी बात थी, जिसकी वजह से यह घटना हुई। पुलिस का यह भी मानना है कि कई बार दो पक्षों के विवाद में तीसरा दुश्मन भी मौके का फायदा उठाता है। लिहाजा शराब ठेकेदार से विवाद अथवा लाइसेंस लेने के दौरान किसी से हुए झगड़े के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।