- जेल प्रशासन पर दबाव बनाने के लिये रची थी साजिश

- जांच के बाद हो सकती है बर्खास्तगी

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LUCKNOW : उन्नाव जेल में बंद अपराधियों द्वारा कथित तमंचा लेकर और खाद्य सामग्री के साथ वीडियो शूट करने और उसे वायरल करने के मामले में जेल विभाग ने सख्त कदम उठाया है। जेल अधीक्षक की रिपोर्ट में वीडियो बनाने में मदद करने वाले चार जेलकर्मियों को दोषी पाते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिये गए हैं। बताया जा रहा है कि इन चारों आरोपी जेलकर्मियों के खिलाफ जांच के बाद उनकी बर्खास्तगी हो सकती है।

यह था मामला

बीती 23 जून को उन्नाव जेल में बंद मेरठ से आजीवन कारावास से दंडित अमरीश और रायबरेली से हत्या, लूट के कई मामलों में अरेस्ट गौरव प्रताप सिंह ने मोबाइल से एक वीडियो शूट किया था। जिसमें इनके पास एक तमंचा दिखाई दे रहा था और वे खाने-पीने की चीजें रखे खा रहे थे। वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया था और उन्नाव जेल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठ खड़े हुए थे।

दबाव बनाने को बनाया वीडियो

पूरे मामले की जांच जेल अधीक्षक एके सिंह ने की। जांच में पता चला कि गौरव प्रताप सिंह एक पेंटर है। जो तमंचा वीडियो में दिखाई दे रहा वह मिट्टी का है और उसे पेंट किया गया था। खाने-पीने की जो वस्तुएं वीडियो में दिखाई गईं वे जेल में बंदियों को नियमित रूप से दी जाती हैं। इस वीडियो में ऐसी कोई चीज नहीं दिखाई दी जिसे जेल के बाहर से लाया गया हो। रिपोर्ट में बताया गया कि जेल प्रशासन पर दबाव बनाने के लिये जेल के हेड वार्डर माता प्रसाद, हेमराज, जेल वार्डर अवधेश साहू व सलीम खां की मिलीभगत से यह वीडियो बनाया गया। रिपोर्ट मिलने के बाद जेल मुख्यालय ने इन चारों आरोपियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के आदेश दिये हैं। बताया गया कि विभागीय कार्यवाही व जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर इन्हें बर्खास्त भी किया जा सकता है।

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