-धनतेरस पर मां अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़, सुबह से ही लगी रही कतार

-बीएचयू में भगवान धनवन्तरि जयंती के रूप में मनाया गया धनतेरस

VARANASI

अन्न-धन की अधिष्ठात्री देवी मां अन्नपूर्णा की स्वर्ण प्रतिमा के दर्शन के लिए धनतेरस के अवसर पर श्रद्धालुओं का भारी भीड़ उमड़ी। मां के दरबार में हाजिरी लगाने को दर्शनार्थियों की कतार रविवार की रात में ही लग गयी थी। धक्का मुक्की को झेलते हुए जैसे ही मां के दर्शन हुए सारी परेशानियां छू मंतर हो गयीं। मां अन्नपूर्णा, भूमि देवी और लक्ष्मी की स्वर्ण प्रतिमा के दर्शन के बाद महंत रामेश्वर पुरी के हाथों अन्न के रूप में धान का लावा और सिक्का 'खजाना' प्राप्त कर श्रद्धालुओं ने खुद को धन्य महसूस किया।

बांसफाटक तक लगी रही लाइन

श्रद्धालुओं की डेढ़सी पुल से बांसफाटक तक अटूट कतार लगी थी। हर उम्र के लोग अपनी बारी की प्रतीक्षा में लगे रहे। मंदिर का पट श्रद्धालुओं के लिए सुबह मंगला आरती के बाद चार बजे भोर में खुला। मां का षोडशोपचार पूजन और भव्य आरती हुई। फिर भक्तों के बीच में वितरित होने वाले खजाने का विधि-विधान से पूजन कर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए माता के मंदिर का पट खोल दिया गया। दोपहर में भोग आरती के बाद 12. 30 बजे से दर्शन शुरू हुआ जो रात 11 बजे तक जारी रहा। बताते चलें कि धनतेरस से अन्नकूट तक माता की स्वर्ण प्रतिमा का दर्शन होता है। अन्नकूट पर 56 प्रकार के व्यंजन का भोग लगता है। साथ ही उसे भक्तों के बीच वितरित किया जाता है। मां के दर्शन के लिए उमड़ रही भीड़ को देखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। वहीं धनतेरस को भगवान धनवन्तरि जयंती के रूप में मनाया जाता है। बीएचयू में इस अवसर पर शिष्योपनयन संस्कार तथा संभाषा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर चीफ गेस्ट वीसी प्रो। राकेश भटनागर ने शिरकत की। इसी क्रम में सुडि़या स्थित धनवंतरि भवन में विशेष पूजन अर्चन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।