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PATNA : क्या कभी आपने सोचा है कि आप जिस डियोड्रेंट और परफ्यूम का उपयोग कर रहे हैं वह खुशबू के साथ हवा में जहर घोल रहे हैं। अगर नहीं सोचा है तो आज से सोचना शुरू कर दीजिए। हाल ही में हुए एक रिसर्च में पता चला है कि कार और ट्रक के बराबर ही डियोड्रेंट और परफ्यूम भी पॉल्यूशन फैलाते हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब इस मामले में एक्सप‌र्ट्स से बात की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। एक्सप‌र्ट्स ने बताया कि एक एमएल डियोड्रेंट स्पे्र करने से इतना प्रदूषण होता है जितना करीब एक एमएल पेट्रोल- डीजल से होता है। एक्सप‌र्ट्स ने बताया कि डियोड्रेंट और परफ्यूम को बनाने के लिए पेट्रोलियम आधारित केमिकल का उपयोग किया जाता है। डियोड्रेंट से निकलने वाले केमिकल खुले वातावरण के साथ मिलकर वायुमंडल की ऊपरी सतह पर जमा हो जाते हैं और ओजोन की परत को क्षति पहुंचाते हैं।

पीएम 2.5 को बढ़ाने में भी आगे

एक्सप‌र्ट्स ने खुलासा किया डियोड्रेंट और परफ्यूम में मौजूद पेट्रोलियम आधारित केमिकल्स वोलाटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड्स (वीओसी) छोड़ते हैं जो पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 2.5 के स्तर को भी बढ़ाते हैं। डियोड्रेंट और परफ्यूम से निकलने वाला वोलाटाइल आर्गेनिक कम्पाउंड हवा को प्रदूषित करने के बड़े कारकों में एक है। यह स्वास्थ्य पर भी बुरा असर करता है। इससे दमा की बीमारी हो सकती है। पीएम 2.5 की वजह से हार्ट अटैक, फेफड़े का कैंसर सहित अन्य घातक बीमारियां हो सकती है।

वातावरण को करता है गर्म

पटना साइंस कॉलेज के कैमेस्ट्री के प्रोफेसर डॉ अभय कुमार ने बताया कि डियोड्रेंट हवा में हाइड्रोकार्बन के फ्री रैडिकल रिलीज करता है। यह वातावरण के ऊपरी परत में जाकर जमा हो जाता है। सरल श?दों में कहें तो इसके कारण वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ती है। यह प्रदूषण फैलाने के साथ वातावरण को गर्म करता है।

25 बार जहरीली हवा जाती है शरीर में

पेट्रोलियम विशेषज्ञ नरेंद्र कुमार ने बताया कि एक एमएल डीजल के जलने से इतना प्रदूषण होता है कि वह 25 बार हमारे सांस के साथ शरीर के अंदर चला जाता है। करीब इतना ही असर एक एमएल पेट्रोल के जलने से होता है। वहीं, रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि एक एमएल डियोड्रेंट के स्प्रे होने से भी इतना ही प्रदूषण होता है।

पेट्रोल-डीजल एक प्रकार के हाइड्रोकार्बन हैं। इनके ही कंपोनेंट से डियोड्रेंट तैयार किया जाता है। पेट्रोल-डीजल जलकर जितना प्रदूषण करता है उतना ही पॉल्यूशन डियोड्रेंट से होता है।

अभय कुमार, प्रोफेसर, केमेस्ट्री डिपार्टमेंट, पटना साइंस कॉलेज