-राप्ती नगर डिपो में एक थाना क्षेत्र के लगभग दो दर्जन लोग बन गए कंडक्टर

-डिपो में बोलती है इनकी तूती

GORAKHPUR: एक डिपो, एक थाना क्षेत्र, एक कास्ट और सब एक ही पोस्ट पर एक साथ तैनात। यह हाल है गोरखपुर के राप्तीनगर डिपो का। 2017 में संविदा पर बहाल हुए कंडक्टर में यह खेल सामने आया है। इसे लेकर शहर में चर्चा का बाजार गर्म है। वहीं, एक साथ तैनात हुए कंडक्टरों की डिपो में तूती बोलती है। इस समय ये लोग जनरथ बसों में बतौर कंडक्टर ड्यूटी भी कर रहे हैं।

2017 में हुई थी कंडक्टरों की भर्ती

मिली जानकारी के मुताबिक, 2017 में 300 संविदा कंडक्टरों की भर्ती की गई थी। इसमें लगभग 3 हजार लोगों ने आवेदन किया था। जिसमें अप्रैल में 170 कंडक्टरों को सेलेक्टर किया गया। उसके बाद तत्कालीन आरएम ने जाते-जाते 2018 के फरवरी महीने में बाकी बची 130 जगहों पर भी कंडक्टरों की भर्ती की। वहीं इनमे से लगभग दो दर्जन ऐसे लोग हैं जो कंडक्टर बनाए गए, वो एक थाने में पड़ने वाले दो गांव के ि1नवासी हैं।

कंडक्टरों के कागजात में भी खेल

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कंडक्टरों की भर्ती के दौरान ही आवेदकों द्वारा दिया गया स्काउट और एनसीसी का सार्टिफिकेट भी गलत पाया गया था। ये खुलासा कागजों की जांच करने वाली टीम ने किया भी था। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी ने उसे दबाने के लिए कह कर मामले को रफा-दफा कर दिया।

एक बाबू के इलाके के हैं कंडेक्टर

सूत्रों के अनुसार, गोरखपुर रीजन के राप्ती नगर डिपो में भर्ती होने वाले सभी कंडक्टर वहां पहले से तैनात एक बाबू के इलाके के हैं। जिसको लेकर ये चर्चा रहती है कि तैनात बाबू की पैरवी से ही एक ही इलाके के लोगों का एक ही जगह पर ड्यूटी है।

जनरथ में है इनकी ड्यूटी

राप्ती नगर डिपो में तैनात एक इलाके के कंडक्टरों की ड्यूटी इस समय जनरथ बसों में है। ये कंडक्टर अपनी पहुंच की वजह से एसी गाडि़यों में हैं।

राप्ती नगर डिपो में संविदा कंडक्टर- 234

रेगुलर कंडक्टर- 78

राप्ती नगर में साधारण बसों की संख्या- 48

लोहिया बस- 9

जनरथ- 42

अनुबंधित बस- 25

कुल बसों की संख्या- 24

वर्जन

एक ही जगह पर एक इलाके के इतने लोग तैनात हैं। इसकी जानकारी नहीं है। एआरएम से जांच कराता हूं।

जयदीप वर्मा, नोडल अधिकारी