उड़ीसा के थे रहने वाले

मूलरूप से उड़ीसा के रहने वाहले लक्ष्मीचंद व बबीता दिल्ली में लाडो सराय एरिया में किराए के मकान में रहते थे। बीती आठ सितंबर को सात साल के बेटे अविनाश की डेंगू के चलते मौत हो गई थी। इकलौते बेटे की मौत ने दोनों को झकझोर कर रख दिया। रिश्तेदारों ने पुलिस को बताया कि आठ सिंतबर को बेटे की मौत के बाद दोनों ने बेटे का दाह संस्कार किया। उसी रात करीब तीन बजे पड़ोसियों ने देखा कि एरिया के सरकारी स्कूल में दोनों के शव पड़े हुए थे। शवों के पास से ही सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है।

मरते वक्त साथ में बांधा एक दूजे का हाथ

मृतक दपंति की मकान मालकिन ने बताया कि लक्ष्मीचंद का बायां हाथ व बबीता का दायां हाथ एक साथ दुपटटे से बंधा हुआ था। लक्ष्मीचंद्र एक प्राइवेट फर्म में काम करता था। जबकि बबीता घर का कामकाज देखती थी। बेटे की मौत ने इस हंसते खेलते परिवार को खत्म कर दिया।

National News inextlive from India News Desk