फोटो इन में हैडिप्रेशन नाम से इन में हैंदो

- डिप्रेशन ने ले लिया है भयानक बीमारी का रूप

- साइकोथेरेपी से हो सकता है डिप्रेशन से बचाव

DEHRADUN: देश में डिप्रेशन की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है। डिप्रेशन का सबसे ज्यादा शिकार युवा हो रहे हैं। यह कहना है सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ। गौरी शर्मा का। वे वेडनसडे को बसंत विहार स्थित पैसिफिक एस्टेट सोसाइटी के कम्यूनिटी हॉल में महिलाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही।

डिप्रेशन के सबसे ज्यादा शिकार टीनएजर्स

सिनर्जी हॉस्पिटल में बतौर सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट एंड काउंसलर डॉ। गौरी शर्मा ने बताया कि डिप्रेशन एक बहुत ही गंभीर बीमारी बनती जा रही है। देश में क्8 साल से अधिक उम्र के करीब म् करोड़ युवा हर साल डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं। कहा कि अलग-अलग एज ग्रुप के अनुसार महिलाओं में डिप्रेशन के कई कारण होते हैं। कहा कि देश में औसतन चार में से एक महिला जिंदगी में एक बार डिप्रेशन का शिकार होती है। महिलाओं में ख्भ् से ब्भ् वर्ष के बीच सबसे ज्यादा डिप्रेशन की संभावना बनी रहती है।

डिप्रेशन को प्रमुख कारण

डॉ। गौरी शर्मा कहती हैं कि शारीरिक व सामाजिक कारणों से डिप्रेशन की बीमारी सामने आती है। इसके अलावा शारीरिक कमजोरी, दुख, बिहेवियर चेंजेज, इरिटेबिलिटी, सिस्टेमिक डिसऑर्डर, सोने में व्यवधान और सेक्सुअल इंटरेस्ट में कमी डिप्रेशन के प्रमुख कारण हैं। इसके साइड इफैक्ट के रूप में सुसाइड, सेल्फ हार्म, हसबैंड वाइफ में डाइवोर्स, गाली-गलौज जैसी हरकतें देखने को मिल रही हैं। डॉ। शर्मा के मुताबिक इसके लिए समय रहते मैनेजमेंट व इंटरवेनशन की सख्त जरूरत होती है, जिसमें साइकोथेरेपी व फैमिली काउंसिलिंग विद मेडिकेशन जरूरी हैं।