पति के साथ नगर निगम पहुंची उपसभापति ने खोला मोर्चा

पर्यावरण अभियंता की तैनाती पर सीएम-राज्यपाल से कंप्लेन

BAREILLY:

नगर निगम में उपसभापति के ऑफिस पर ताला जड़ने का मामला तूल पकड़ चुका है। उपसभापति के पति की नगर निगम में एंट्री पर रोक के विवाद के बाद पूरे मामले में आरोपों का दौर शुरू हो गया है। थर्सडे को उपसभापति ऊषा अरोड़ा पति अशोक अरोड़ा के साथ नगर निगम पहुंची और ऑफिस का ताला खुलवाया। उपसभापति ने ऑफिस को बंद कराए जाने को न सिर्फ महिला सम्मान का हनन करार दिया, बल्कि बिना अधिकारियों के ऑफिस न खोले जाने को तानाशाही रवैया बताया। उपसभापति ने पूरे मामले में मेयर डॉ। आईएस तोमर व नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव के रुख पर भी सवाल खड़े कर दिए। उपसभापति ने साफ कहा कि मेयर व नगर आयुक्त दोनों ही मामले में खुलकर मनमानी कर रहे हैं।

बंद हो मेयर का ऑफिस

नगर निगम ऑफिस में उपसभापति की कुर्सी पर पति के बैठने को लेकर मामला गर्मा गया था। मेयर व नगर आयुक्त की सहमति के बाद उपसभापति का ऑफिस बंद करा दिया गया था। साथ ही, पति के निगम में उपसभापति के ऑफिस में आने पर बैन लगा दिया गया था, जिसके खिलाफ थर्सडे को उपसभापति न सिर्फ विरोध के तेवर में उतर आई। बल्कि निगम में फैली गड़बडि़यों पर अधिकारियों के खिलाफ भी मोर्चा खोला। उपसभापति ने कहा कि जनता के काम के सिलसिले में ही पति का निगम में आना होता है। यदि मेरे न आने पर ऑफिस में ताला लगाया जा रहा, तो मेयर व नगर आयुक्त के न रहने पर उनके ऑफिस कैसे खुले रहते हैं। इन दोनों के ऑफिस भी बंद ि1कए जाएं।

एफआईअार की मांग

उपसभापति बनाम मेयर-नगर आयुक्त के विवाद में एक बार फिर पर्यावरण अभियंता निशाना बने हैं। कुछ दिन पहले सहायक मोहर्रिर को लेकर हुई झड़प के चलते विवादों में आए पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार वर्मा को कई प्रभार दिए जाने पर उपसभापति ने आपत्ति जता दी है। उपसभापति ने शासनादेश के खिलाफ नगर निगम अधिकारियों की ओर से पर्यावरण अभियंता को स्वच्छता व पर्यावरण से इतर जलकल, निर्माण, अतिक्रमण व अन्य का प्रभार दिए जाने को गलत ठहराया है। इस मामले में उपसभापति ने राज्यपाल, सीएम, मुख्य सचिव शासन और प्रमुख सचिव नगर विकास को लेटर लिखकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।

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