- उपाध्यक्ष के कहने पर सांसद निधि का काम रुका

- बाहरी एजेंसी के काम करने से पहले लेनी पड़ती है अनुमति

Meerut : कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष और वार्ड 7 की मेंबर के बीच का एक फिर विवाद सामने आ गया। दोनों के बीच चल रहे इस शीत युद्ध में पब्लिक के लिए हो रहे विकास कार्यो पर विराम लग गया। वहीं दूसरी चुनाव के इस माहौल में ये बात भी पूरे कैंट में फैल गई कि कैंट बोर्ड की उपाध्यक्ष ने सांसद निधि के विकास कार्यो को रुकवाकर उन्हें अपने सामने बौना साबित कर दिया।

सांसद निधि का विकास कार्य

शनिवार को वार्ड आठ स्थित करई गंज में सांसद निधि विकास कार्यो के तहत इंटर लॉकिंग का काम चल रहा था। जिसे रुकवाने के लिए कैंट बोर्ड की उपाध्यक्ष पहुंची और उसे रुकवा दिया। उसके बाद उन्होंने सीईओ से मुलाकात कर ये भी सुनिश्चित किया कि इस कार्य की सूचना बोर्ड को दी गई थी या नहीं, जिसे पर कैंट बोर्ड ने कोई सूचना न होने की बात कहकर काम रुकवाने को कह दिया।

ममता गुप्ता सीईओ से मिली

जब काम रोके जाने की सूचना वार्ड-7 की मेंबर को मिली तो उन्होंने तुरंत सीईओ से मुलाकात की। ममता गुप्ता ने बताया कि सांसद से मुलाकात कर मैंने ही वार्ड-भ्, ख्, 7, ब् और 8 में इंटर लॉकिंग के लिए ख्भ् लाख रुपए सेंशन कराए थे। इस बात की सूचना मैंने कैंट बोर्ड के सीईओ को क्0 दिन पहले भी दिया था। इस तरह से विकास कार्यो को रोका जाना काफी गलत है।

तो ये कहना है कैंट बोर्ड

कैंट बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो जब भी कोई बाहरी एजेंसी कैंट बोर्ड के परीसीमन में काम करेगी उसके लिए परमीशन लेना अनिवार्य है। इसके लिए वर्ष ख्00म् में मंत्रालय की ओर से सर्कुलर जारी भी हो चुका है।

हम सभी बाहरी एजेंसी कैंट बोर्ड में विकास कार्यो का स्वागत करते हैं, लेकिन उससे पहले कैंट बोर्ड से परमीशन लेना भी जरूरी है। करई गंज का काम रुका हुआ है।

- डॉ। डीएन यादव, सीईओ, कैंट बोर्ड