- सोमवार को फैसला आना है फैसला, पुलिस ने बढ़ाई सतर्कता

- यूपी में डेरा समर्थकों का सिजरा तैयार, नजरबंद करने की तैयारी

- यूपी में पहले भी बाबाओं के समर्थक देते रहे हैं पुलिस को चुनौती

LUCKNOW:

पश्चिमी यूपी में डेरा समर्थकों पर काबू करने में जुटी यूपी पुलिस को दो नये मोर्चो पर भी जूझना पड़ रहा है। हरियाणा से लौट रहे डेरा समर्थकों पर पैनी नजर रखने के साथ दिल्ली में हिंसा फैलाने वाले उपद्रवियों के यूपी में छिपे होने की सूचना के बाद पुलिस की चुनौतियां बढ़ गयी हैं। सोमवार को सीबीआई कोर्ट द्वारा गुरमीत सिंह को सजा सुनाए जाने के बाद हालात बिगड़ने की संभावना को ध्यान में रखते हुए चौकसी बढ़ा दी गयी है। डीजीपी मुख्यालय पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए है। डीजीपी सुलखान सिंह पश्चिमी उप्र के जिलों के एसपी को लगातार सतर्क रहने के निर्देश जारी कर चुके है। पुलिस को सीबीआई कोर्ट के उस आदेश का भी इंतजार है जिसमें डेरा की संपत्तियों को जब्त करने को कहा गया है। इस बाबत गुपचुप तरीके से तैयारियां भी शुरू हो गयी है।

सबसे संवेदनशील मेरठ जोन

यूपी में डेरा समर्थकों की संख्या सबसे ज्यादा मेरठ जोन में हैं। इंटेलिजेंस के सूत्रों की माने तो मेरठ से ही हजारों की तादाद में समर्थक पंचकुला गये थे जो अब वापसी कर रहे हैं। मेरठ जोन के नौ जिलों में हालात नाजुक लेकिन, काबू में हैं। एहतियात के तौर पर धारा 144 लागू कर दी गयी है लेकिन, डेरा समर्थकों की वापसी स्थानीय प्रशासन के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है। खासतौर पर शामली, बागपत, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर की इंटेलिजेंस रिपोर्ट में डेरा समर्थकों द्वारा बड़े पैमाने पर गड़बड़ी फैलाए जाने की आशंका जताई जा रही है। दरअसल तमाम पुलिसकर्मी भी डेरा समर्थकों की फेहरिस्त में शामिल हैं जिसकी वजह से सुरक्षा को लेकर फूंक-फूंक कर कदम उठाए जा रहे हैं। बताते चले कि मेरठ जोन के सभी नौ जिलों में धारा 144 लागू हैं। सूत्रों की माने तो डेरा से जुड़ा कोई भी कार्यक्रम आयोजित न हो सके, इसके लिए सख्त हिदायतें दी जा चुकी है। हरियाणा से सड़क मार्ग से आने वाले हर वाहन पर पैनी नजर रखी जा रही है ताकि अवांछनीय तत्व यूपी में प्रवेश न कर सकें।

दिल्ली पुलिस ने मांगा सहयोग

वहीं दूसरी ओर दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल में हिंसक वारदात अंजाम देने वाले उप्रदवियों की तलाश तेज हो गयी है। दिल्ली पुलिस ने उपद्रवियों के यूपी में छिपने की सूचना देते हुए उनकी गिरफ्तारी में सहयोग मांगा है। इसके बाद पश्चिमी यूपी में उनकी तलाश जारी है। यूपी पुलिस उनकी तलाश में कई जगह छापेमारी कर रही है। गृह विभाग और डीजीपी मुख्यालय केंद्रीय गृह मंत्रालय के संपर्क में हैं और डेरा की गतिविधियों से जुड़ी हर सूचना भेजी जा रही है। पश्चिमी उप्र की इंटेलिजेंस यूनिटों को अगले 72 घंटे तक हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है।

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रामवृक्ष ने भी छकाया था पुलिस को

यूपी में बाबाओं के समर्थकों ने पुलिस को कई बार छकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। हाल ही में मथुरा के जवाहरबाग कांड के मास्टरमाइंड रामवृक्ष यादव ने प्रशासन को ही खुली चुनौती दे दी थी जिसके बाद जवाहरबाग को अतिक्रमणकारियों के कब्जे से छुड़ाने में पुलिस को अपने दो अफसरों की कुर्बानी देनी पड़ी थी। इतना ही नहीं, संत ज्ञानेश्वर के शिष्य भी यूपी पुलिस के लिए सालों तक मुसीबत का सबब बने रहे। संत ज्ञानेश्वर की हत्या का बदला लेने के लिए कई बार उन्होंने आरोपितों पर हमला भी कराया। फैजाबाद कोर्ट में गोलियां चलाई गयी और हथगोले फेंके गये जिसमें दो लोगों की मौत भी हो गयी थी। इसमें संत ज्ञानेश्वर की हत्या का आरोपी सोनू ंिसह भी घायल हो गया था।

मेरठ जोन में डेरा समर्थकों के स्थान

मेरठ- 3

बुलंदशहर- 2

गाजियाबाद-2

बागपत-1

हापुड़-1

सहारनपुर-2

मुजफ्फरनगर-2

शामली-2

नोएडा-0