‘इकॉनोमिक्स टाइम्स’ अख़बार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को अपने फ़ैसलों के प्रति भविष्य में सजग रहने की ज़रूरत है.

हालांकि उन्होंने सीएम पद से हटने के फ़ैसले का सैद्धांतिक रूप से समर्थन किया.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद छोड़ने का उन्हें कोई मलाल नहीं है, लेकिन उन्हें लगता है कि जिस दिन कांग्रेस और बीजेपी ने उनके जनलोकपाल विधेयक को रोका, उन्हें उसी दिन इस्तीफ़ा नहीं देना चाहिए था.

केजरीवाल ने कहा, “मुझे लगता है कि हमें अपने फ़ैसले के पीछे की वजह को बताने के लिए जनसभाएं बुलाने और इस्तीफ़ा देने के लिए कुछ और दिन लगाने चाहिए थे.”

ज़िम्मेदारी से बचने का आरोप

उन्होंने कहा, “हमारे फ़ैसले और जनता के साथ संवादहीनता की वजह से कांग्रेस और भाजपा ये प्रचार करने में कामयाब रहे कि हम दिल्ली छोड़ कर भाग गए हैं.”

कांग्रेस और बीजेपी आम आदमी पार्टी पर ज़िम्मेदारी से बचने का आरोप लगाते रहे हैं.

पिछले साल दिल्ली विधानसभा के चुनावों में आम आदमी पार्टी ने अप्रत्याशित कामयाबी दर्ज करते हुए 28 सीटें हासिल की थी और बाद में कांग्रेस के समर्थन से केजरीवाल ने सरकार बनाई.

लेकिन जनलोकपाल बिल विधानसभा में पास नहीं होने देने के मुद्दे पर उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था. आम चुनाव के प्रचार के दौरान भाजपा नेता नरेंद्र मोदी केजरीवाल को एके 49 कह चुके हैं.

केजरीवाल 49 दिन तक ही दिल्ली की सत्ता में रहे.

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