सैकड़ों कच्चे मकान ध्वस्त हो गए हैं. राजमार्ग पर एक पुल भी भरभरा कर ढह गया है. राज्य के विभिन्न ज़िलों से राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग को जान-माल की क्षति के बारे में लगातार रिपोर्ट मिल रही हैं.

हालांकि सोमवार की सुबह से बारिश थम गई है लेकिन मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के बाद ही मौसम साफ़ होने का अनुमान बताया है.

गुमला की ज़िलाधिकारी वीणा मिश्र ने राज्य मुख्यालय को भेजी रिपोर्ट में बताया है कि सिसई बाज़ार टांड़ में कच्ची दीवार ढह जाने से एक तीन वर्षीय बच्ची की मौत हो गई है.

राज्य के बोकारो ज़िले में अलग-अलग दिन तीन लोगों की मौत हुई है. बोकारो के डीसी उमाशंकर सिंह ने बताया है कि नाले में बह जाने से एक सात वर्षीय बच्चे की मौत हो गई.

झारखंड: तूफ़ान के बाद तबाही में सात की मौत,सैकड़ों घर ध्वस्त

इनके अलावा बिजली गिरने से धमेंद्र किस्कु और एक झोपड़ी के ध्वस्त हो जाने से एक वृद्धा मालती देवी की मौत हो गई.

उन्होंने बताया कि ज़िले के विभिन्न हिस्सों में 109 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. ज़िले में पांच राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. पीड़ित लोगों को सूखा राशन दिया जा रहा है.

गिरिडीह ज़िले के डीसी दीप्रवा लकड़ा ने बताया है कि सुदूर गांव कुबरीटांड़ में बिजली गिरने से टेकलाल रजक नामक व्यक्ति की मौत हो गई है. 27 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हुए हैं.

पुल गिरा

इसी ज़िले के सरिया-राजधनबार राजकीय मार्ग पर तेज बारिश की वजह से इरगा पुल ध्वस्त हो गया है. इससे यातायात प्रभावित हुआ है.

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खूंटी के डीसी मुकेश कुमार ने राज्य मुख्यालय को भेजी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि तोरपा के एक गांव में दीवार ढहने से एक व्यक्ति एतवा तीरू की मोत हो गई है. चार अन्य लोग घायल हैं.

इसी ज़िले के विभिन्न गांवों में कम- से- कम तीन सौ कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. राहत कार्य चलाए जा रहे हैं.

पाकुड़ के डीसी एफ टोप्पो ने बताया है कि ज़िले के सुदूर देबपुर और सिराजपुर में तेज़ हवा व बारिश से करीब चार सौ झुग्गी- झोपड़ी क्षतिग्रस्त हुए हैं.

इसी तरह दुमका ज़िले के कई गांवो में लगभग ढाई सौ कच्चे मकान ध्वस्त हो गए हैं.

ज़िला प्रशासन ने पीडि़त परिवारों के बीच राहत कार्य शुरू किए हैं. उन्हें प्लास्टिक, चूड़ा, चावल, माचिस , मोमबत्तियाँ आदि दी जा रही हैं.

ओडीशा की सीमा से सटे जमशेदपुर ज़िले के बहरागोड़ा, मुसाबनी, डुमरिया प्रखंड के दर्जन भर गांवों में पायलिन ने तबाही मचा दी है.

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घाटशिला के एसडीओ अमित कुमार ने बताया है कि 19 राहत शिविर चलाए जारहे हैं.

तेज़ बारिश की वजह से शंख और जै नदी में आए उफान से दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं.

तीन सौ से अधिक कच्चे मकान ध्वस्त हो गए हैं. तूफान से सात सौ से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं.

मंगलवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आपदा प्रबंधन विभाग के आला अफसरों के साथ बैठक की. इसमें सरकार के मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह भी थे और आपदा प्रबंधन सचिव अरूण कुमार सिंह भी थे.

मुख्यमंत्री ने राहत कार्य तेज़ करने के साथ पीड़ित परिवारों को तत्काल मुआवज़ा देने का निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने अफ़सरों से कहा है कि सभी ज़िलों से जान- माल की क्षति के बारे में शीघ्र रिपोर्ट मंगाई जाए. तेज़ बारिश की वजह से उफ़नती नदियों पर नज़र रखी जाए. ग़रीबों को राहत देने में फौरी कार्रवाई हो.

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