एयरफोर्स के भवनों की ऊंचाई संबंधी आदेश में बीडीए ने पूछी जानकारी

कोडेड कलर्ड मैपिंग जोन को नक्शे में छूट देने का किया गया था जिक्र

BAREILLY:

शहर के भवनों की ऊंचाई संबंधी एयरफोर्स की ओर से जारी किए गए आदेश पर बीडीए न सिर्फ बेहाल है। बल्कि एयरफोर्स के लेटर में दिए गए बिन्दुओं पर कंफ्यूज्ड भी है। दरअसल एयरफोर्स की ओर से बीडीए को जारी किए गए लेटर में कोडेड कलर्ड मैपिंग जोन वाले भवनों को छूट दिए जाने का जिक्र किया गया है।

लेटर के इस बिन्दु से शहर के भवन निर्माण के लिए एयरफोर्स के नए नियम से बीडीए समेत जनता को कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन छूट से पहले कोडेड कलर्ड मैपिंग जोन की जानकारी ही बीडीए के लिए परेशानी का सबब बन गई है।

क्या है कलर्ड मैपिंग जोन

बीडीए को एयरफोर्स के इस लेटर से कुछ राहत जरूर मिली। वहीं जनता के लिए भी खुशी की बात होगी। हालांकि एयरफोर्स की ओर से भेजे गए लेटर में कोडेड कलर्ड मैपिंग जोन क्या है और इसके तहत शहर के कौन से एरियाज व भवन आएंगे, इसका जिक्र नहीं किया गया है। इसी को ध्यान में रखकर अब बीडीए के अफसरों ने एयरफोर्स को लेटर लिखा है। लेटर में पूछा गया है कि एयरफोर्स की ओर से अपने आदेश में जिस कोडेड कलर्ड मैपिंग जोन को नक्शे में छूट दिए जाने की बात कही गई है, उसे डिफाइन कर पूरी जानकारी दी। बीडीए के इस लेटर पर एयरफोर्स का जवाब आने के बाद तय हो सकेगा कि शहर के किस एरिया व किन भवनों को छूट ि1मल पाएगी।

अवैध निमार्ण का डर

एयरफोर्स ने त्रिशूल एयरबेस की सुरक्षा के मद्देनजर शहर में होने वाले भवन निर्माण के लिए एनओसी को जरूरी कर दिया है। एयरफोर्स ने एयरबेस से इसका दायरा 15 किमी रखा गया। इस दायरे में पूरा बरेली शहर ही आ गया है। एयरफोर्स के इस आदेश से बीडीए में नहीं बल्कि शहर के बिल्डर्स व जनता में भी नाराजगी समेत चिंता बढ़ गई है। वहीं बीडीए अधिकारियों को डर है कि एयरफोर्स के इस आदेश से शहर में अवैध निर्माण को बढ़ावा मिलेगा और सरकारी खजाने में रेवेन्यू नहीं पहुंचेगा। इसी को ध्यान में रखकर पहले भी बीडीए ने एयरफोर्स अधिकारियों को लेटर लिखकर जानकारी मांगी थी।

-----------

एयरफोर्स ने लेटर में कोडेड कलर्ड मैपिंग जोन को नक्शे में छूट होने की बात कही है। इसके लिए एयरफोर्स से इस बारे में एनओसी नहीं ली जाएगी। एयरफोर्स के अधिकारियों से जाना गया है कि यह जोन क्या है, इस डिफाइन करें और बताएं कि शहर के कौन से इलाके इसके तहत आएंगे।

- डॉ। सुरेंद्र कुमार, वीसी, बीडीए