- 110 कुल वार्ड शहर में

- 60 लाख की कुल पार्षद निधि

- 27 लाख पहली किश्त के रूप में मिले

- 27 लाख ही दूसरी किश्त में मिलने हैं

- 6 लाख तीसरी व चौथी किश्त में मिलेंगे

- अभी तक पार्षद निधि की सिर्फ पहली किश्त मिली, उसके भी काम शुरू नहीं

- दूसरी और तीसरी किश्त का करना होगा इंतजार, विपक्ष खासा नाराज

abhishekmishra@inext.co.in

LUCKNOW: नगर निगम प्रशासन की ओर से भले ही विकास को लेकर बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हों, योजनाएं तैयार की जा रही हों, लेकिन हकीकत यह है कि वार्डो में विकास से जुड़ी फाइलें निगम में एक कमरे से दूसरे कमरे में ही घूम रही हैं। स्थिति इतनी खराब है कि विकास से जुड़ी फाइलें देने वाले पार्षद ही अपनी फाइलों को ढूंढने में खासा पसीना बहा रहे हैं। जिन वार्डो में विकास शुरू भी हो गया है, वहां विकास की रफ्तार बेहद धीमी है। इससे साफ है कि शहर की जनता को फिलहाल अभी विकास के लिए इंतजार करना होगा।

अभी तक सिर्फ पहली किश्त

साल खत्म होने को हैं और अभी तक पार्षद को पार्षद निधि की सिर्फ पहली किश्त ही मिली है। जिसकी वजह से विकास की रफ्तार की स्थिति का स्वत: ही अंदाजा लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं, पहली पार्षद निधि की किश्त मिलने के बाद पार्षदों ने अपने वार्डो में विकास के लिए फाइलें तो बनाकर निगम में दे दीं, लेकिन अब ज्यादातर फाइलों का पता ही नहीं चल रहा है। जिसकी वजह से पार्षदों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

नाले-नाली तक नहीं बने

जानकारी के अनुसार, पार्षद निधि की पहली किश्त मई के आसपास आ जानी चाहिए थी, जबकि अभी तक दो से तीन किश्तें मिल जानी चाहिए थीं। आलम यह है कि अब पहली किश्त मिली है, जिसकी वजह से वार्डो में विकास पर खासा असर देखने को मिल रहा है। वार्डो में जिन नाले-नालियों का निर्माण मई-जून में हो जाना चाहिए था, वहां अब निर्माण हो रहा है। जिससे साफ है कि विकास की बांट जोह रही जनता को फिलहाल विकास का उजियारा नहीं मिलने वाला है।

मालवीय नगर वार्ड की फाइलें लापता

घनी आबादी वाले मालवीय नगर वार्ड की बात की जाए तो इस वार्ड की पार्षद की ओर से निगम में विकास से जुड़ी फाइलें दी गई थीं। पार्षद की मानें तो वक्त गुजरता जा रहा है, लेकिन अभी तक उनकी फाइलों को पता ही नहीं चल रहा है। जिसकी वजह से उन्हें एक कमरे से दूसरे कमरे में जाकर फाइलों का पता लगाना पड़ रहा है। इसके बावजूद कोई सटीक जानकारी नहीं मिल रही है।

विकास शुरू लेकिन देर से

वार्ड 44 जगदीश चंद्र बोस वार्ड की बात की जाए तो पार्षद निधि की पहली किश्त मिलने के बाद वार्ड में नाली-निर्माण का काम तो शुरू हुआ, लेकिन हैरानी की बात यह है कि जिस नाली का निर्माण चल रहा है, उसका निर्माण मई में हो जाना चाहिए था। समय से निर्माण कार्य शुरू न होने से जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं पार्षद भी जनता के सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे हैं।

पार्षद निधि खर्च एक नजर में

5 लाख पेयजल में

5 लाख बिजली में

5 लाख पार्को के सौंदर्यीकरण में

10 लाख आदर्श मोहल्ला में

(शेष धनराशि कुल पार्षद निधि की राशि में जीएसटी कटौती में समाहित)

एक मोहल्ला भी आदर्श नहीं

शहर में कुल 110 वार्ड हैं। आलम यह है कि अभी तक एक भी वार्ड में एक भी मोहल्ले को आदर्श घोषित नहीं किया जा सका है जबकि मेयर की ओर से चार से पांच माह पहले घोषणा की गई थी कि हर हाल में जल्द से जल्द हर वार्ड में एक मोहल्ले को आदर्श घोषित किया जाएगा। फिलहाल अभी आदर्श मोहल्ले की योजना कागजों में ही सिमटती नजर आ रही है।

पार्षद निधि की पहली किश्त मिलने के बाद अब कहीं जाकर वार्ड में नाली इत्यादि का निर्माण शुरू कराया है। जबकि ये निर्माण कार्य मई माह में हो जाने चाहिए थे। अब देखते हैं कि दूसरी व तीसरी किश्त कब मिलेगी।

सैय्यद यावर हुसैन रेशू, पार्षद, जगदीश चंद्र बोस वार्ड

पहली किश्त मिलने के बाद विकास से जुड़ी फाइलों को बनाकर निगम में भेज दिया गया था। अब स्थिति यह है कि पता ही नहीं चल रहा है कि मेरी फाइलें कहां गईं। पता करने के लिए एक कमरे से दूसरे कमरे भटकना पड़ता है।

ममता चौधरी, पार्षद, मालवीय नगर वार्ड

निगम में विकास से जुड़ी हर फाइल का रिकार्ड रखा जा रहा है। अगर किसी पार्षद के मन में फाइलों को लेकर कोई सवाल है तो मुझसे संपर्क करें।

डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त