- ब्रज फाउंडेशन के एक्सप‌र्ट्स और इंजीनियर इस दिशा में कर रहे हैं काम

VARANASI:

काशी के ऐतिहासिक दशाश्वमेध घाट से यहां के मूल रूप को बिना बदले हुए विकास की शुरुआत होगी। इसके लिए ब्रज फाउंडेशन के आर्किटेक्ट, इंजीनियर्स अपना काम कर रहे हैं। यह बातें सोमवार को ब्रज फाउंडेशन के प्रेसिडेंट व पत्रकार विनीत नारायण ने मीडिया से कही। उन्हेांने कहा कि काशी को उसकी पुरातन खासियतों के साथ ही सजाया संवारा जा सकता है। इसके लिए प्रबल इच्छाशक्ति की जरूरत है। यहां की मूल पहचान 'वरुणा' और 'असि' नदी का उद्धार एवं ऐतिहासिक कुंडों का जीर्णोद्धार भी संभव है। सम्मिलित प्रयासों से इसे किया जा सकता है। उन्होंने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिये ब्रज के ऐतिहासिक स्थलों पर किए गए विकास कार्यो को दिखाया। बताया कि ब्रज में कई पौराणिक कुंड थे जहां कब्जा था। अब वह कुंड एक बार फिर अपने पुरानी स्थिति में पहुंच चुका है। उन्होंने आईआईटी बीएचयू के डायरेक्टर प्रो। राजीव संगल से मुलाकात की।