- मुख्यमंत्री द्वारा चिह्नांकित कार्यक्रमों की डीएम ने मांगी थी रिपोर्ट

- विभागों को बी, सी और डी श्रेणी में रखकर दी कार्रवाई की चेतावनी

BAREILLY:

डिस्ट्रिक्ट में डेवलपमेंट वर्क की रफ्तार पर ब्रेक लगी है। इसका खुलासा खुद विभागों की एक रिपोर्ट में हुआ, जिसे डीएम ने समीक्षा के लिए तलब किया था। पता चला कि चालू वित्तीय वर्ष में करीब डेढ़ दर्जन डिपार्टमेंट धीमी रफ्तार से काम करा रहे हैं। लिहाजा, डीएम ने संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाते हुए समय से कार्य पूरा कराने के निर्देश दिए हैं।

कौन किस पायदान पर

कृषि - जारी बजट का 19.46 परसेंट ही व्यय हुआ। लक्ष्य के सापेक्ष 34.64 परसेंट की पूर्ति पाई गई। डी श्रेणी में शामिल।

मंडी - नवीन मंडी की स्थापना नहीं हुई। जनेश्वर मिश्र योजना के ग्राम चयन नहीं किए। टेंडर प्रक्रिया शून्य पाए जाने पर डी श्रेणी में शामिल।

पशुपालन - कुक्कु्रट विकास नीति की ईकाई निष्क्रिय। कामधेनु के 6 लक्ष्य में 4 क्रियाशील। मिनी कामधेनु में 25 के सापेक्ष 13 की लक्ष्य पूर्ति होने पर बी श्रेणी में शामिल।

विद्युत - राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना ग्राम और मजरों के ऊर्जाकरण में 779 के सापेक्ष 403 और विद्युत संयोजन 9600 के सापेक्ष 5900 कनेक्शन पाए जाने पर बी श्रेणी में शामिल।

माध्यमिक व बेसिक - बनाए जा रहे 15 नवीन राजकीय माध्यमिक विद्यालय में से 12 भवन ही पूर्ण। बेसिक में यूनिफार्म वितरण अपूर्ण। मॉडल स्कूल भवनों की प्रगति शून्य होने पर बी श्रेणी में शामिल।

कौशल विकास - सर्वाधिक दयनीय स्थिति। प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में बरेली जिला सर्वाधिक पीछे। डी श्रेणी दी गई।

स्वास्थ्य - जननी सुरक्षा योजना संस्थागत प्रसव में स्वास्थ्य विभाग को बी श्रेणी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में सी श्रेणी जबकि अन्य कार्यक्रमों में विभाग को ए श्रेणी प्राप्त हुई है।

समाज कल्याण - समाजवादी पेंशन योजना में विभाग को बी श्रेणी और राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम संचालन के लिए भी बी श्रेणी प्राप्त हुई है।

अल्पसंख्यक कल्याण- बनाए जाने वाले दोनों शैक्षणिक हब की स्थापना के लिए जगह सेलेक्ट न होने पर सी श्रेणी में शामिल।

खाद्य व रसद - सार्वजनिक वितरण प्रणाली का डिजिटिलाइजेशन में कुल राशन कार्डो की फीडिंग न होने पर बी श्रेणी में शामिल।

आम आदमी बीमा योजना - सरकार के तहत आम आदमी को बीमा कराने की प्रक्रिया पर डी श्रेणी और बीमित परिवारों के लक्ष्य के सापेक्ष पूर्ण न होने पर सी श्रेणी में शामिल।

आसरा योजना - राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत जिले में 1704 आवासों के सापेक्ष 780 का निर्माण पूर्ण, सी श्रेणी में शामिल।