-मॉडल रोड, सबस्टेशन और अंडर पास का अधूरा पड़ा है निर्माण

- डेडलाइन खत्म होने के लगभग दो साल भी नहीं पूरा हो सका अक्षर विहार तालाब का सौंदर्यीकरण

बरेली: बरेली को स्मार्ट बनाने के लिए कई प्रोजेक्ट लोकसभा इलेक्शन से पहले जल्दबाजी में शुरू करा दिए गए. लेकिन आचार संहिता लागू होते ही बजट के अभाव में इनको रोक दिया गया. अब यही प्रोजक्ट बरेलियंस के लिए परेशानियों का सबब बना हुआ है. प्रोजेक्ट का ठेका लेने वाले ठेकेदारों ने निर्माण आधा-अधूरा छोड़कर निर्माण सामग्री सड़क पर ही छोड़ दी, जो लोगों को चोट दे रहे हैं. वहीं आचार संहिता खत्म होने के बाद अब इन प्रोजेक्ट को बजट की आस है, जिससे यह फिर से शुरू हो सकें और पब्लिक को इनका लाभ मिले.

डेडलाइन के दो साल भी आधा नहीं बना अक्षर विहार

नगर निगम ने अमृत योजना के तहत अक्षर विहार तालाब के सौंदर्यीकरण का काम निजी कंपनी को दिया था. इसकी 112.77 लाख रुपए अनुमानित लागत थी. निर्माण कार्य 17 जून 2016 को शुरू हो गया था, जिसे 16 अक्टूबर 2017 तक पूरा करना था. बजट नहीं मिलने के चलते इसका निर्माण कार्य बीच में कई बार फंसा. वहीं आचार संहिता लागू होने के बाद निर्माण कार्य पूरी तरह से बंद कर दिया. अब आचार संहिता खत्म हो गई है, लेकिन बजट न होने के चलते काम ठप है.

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मॉडल रोड पर खुली सरिया दे रही चोट

राजेन्द्र नगर एरिया में शहीद चौराहा से शील चौराहा तक मॉडल रोड बनाई जा रही है. इसके लिए शासन की ओर से 44 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे. रोड का निर्माण कार्य जनवरी 2019 में शुरू हो गया था. शुरूआत में तो काम काफी तेजी से चला. इस रोड पर डिवाइडर बनाया जा रहा था. आचार संहिता लागू होते ही ठेकेदार डिवायडर की खुली सरिया भी छोड़कर चला गया और निर्माण सामग्री भी बीच सड़क छोड़ दी. जिससे आए दिन हादसे होते हैं और लोगों को गंभीर चोट लगती है.

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-आचार संहिता के चलते निर्माण कार्य जो रुके हुए थे, वह आचार संहिता हटते ही गति पकड़ लेंगे. इसके लिए रिमाइंडर भेज दिया गया है.

ईश शक्ति कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त

चार बनने थे सबस्टेशन, एक ही बन पाया

सबस्टेशन के लोड कम करने के लिए चार नए बनाए जाने थे. जिसमें मिशन कंपाउंड में एक ही सबस्टेशन कंप्लीट हो सका है. वहीं तीन सबस्टेशन में दो का काम बिल्कुल भी शुरू नहीं हुआ है जबकि एक अन्य अन्य का काम बजट के अभाव में लटका हुआ है. इसी तरह रुरल फीडर को लो वोल्टेज की समस्या को दूर करने के लिए कैपेसिटर बैंक लगाने का भी काम होना था, लेकिन आचार संहिता के चलते यह काम भी अधर में लटका हुआ है.

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-आचार संहिता के चलते बजट इशू नहीं हो पाया. जिस कारण अभी काम रुक गया था. बजट के लिए रिमाइंडर बेज दिया है. बजअ इशू होते ही काम शुरू करा दिया जाएगा.

-एनके मिश्रा, एसई बिजली विभाग

अंडर पास बन जाता तो न लगता जाम

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों को जांच के लिए सड़क के दूसरी ओर जाना पड़ता है. मेन मार्केट होने की वजह से मरीजों को काफी दिक्कत होती थी और यहां जाम की स्थिति बनी रहती थी. इस समस्या से निपटने के लिए शासन से एक अंडर पास की मांग की गई थी. लेकिन आचार संहिता लागू होने से बजट पास नहीं सका और स्थिति जस की तस बनी हुई है. वहीं हॉस्पिटल में ईटीपी प्लांट का भी बनाने का काम शुरू होना था, जिसके लिए पहली किस्त 14 लाख रुपए भी मिल गए, लेकिन आचार संहिता के चलते निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका.

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ईटीपी के लिए तो पहली किस्त भी जारी हो गई है. दूसरी किस्त के लिए डिमांड भी भेज दी गई है, लेकिन तब तक आचार संहिता लग गई थी. इसके साथ अंडर पास भी बनाया जाना है. बजट मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा.

डॉ. केएस गुप्ता, एडीएसआईसी