सीएजी की ऑडिट में खुलेगी मनमानी की पोल

शहर में हुए सभी विकास कार्य आ जाएंगे जांच के दायरे में

ALLAHABAD: समाजवादी पार्टी ने धन देने में कोताही नहीं की तो विकास प्राधिकरणों ने काम भी पूरा कराकर दे दिया। अब बारी है काम की असलियत परखने की। यह काम करेगा आडिट ब्यूरो। मंगलवार को यूपी कैबिनेट की दूसरी मिटिंग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विकास प्राधिकरणों के दस करोड़ से अधिक खर्च करके कराए गए कामों की जांच आडिट ब्यूरो से कराने का एलान कर दिया। इसका सीधा असर इलाहाबाद विकास प्राधिकरण पर भी पड़ेगा। जिसने पिछले पांच सालों में अरबों रुपये के विकास कार्य कराए हैं। इन कार्यो में मानक का कितना ख्याल रखा गया? कितनी मनमानी हुई और किसने कितना खेल किया? इन सब तथ्यों का खुलासा होगा।

सपा सरकार में इलाहाबाद विकास प्राधिकरण ने अरबों रुपये के डेवलपमेंट वर्क कराए हैं। जिसमें कई रोडों का ब्यूटीफिकेशन, पार्को का ब्यूटीफिकेशन, ग्रुप हाउसिंग आदि शामिल हैं। लेकिन, दस करोड़ या फिर उससे अधिक की लागत से कराए गए कामों की जद में भी कुछ काम आ रहे हैं, जो एडीए अधिकारियों के साथ ही काम कराने वाली एजेंसी और ठेकेदारों की मुश्किल बढ़ा सकते हैं।

वो काम जो आएंगे जांच की जद में

एमजी रोड ब्यूटीफिकेशन : 25 करोड़

काम पूरा, अब जांच होगी शुरू

सिविल लाइंस के महात्मा गांधी मार्ग का ब्यूटीफिकेशन वर्क पिछले कई वर्षो से प्रस्तावित था, लेकिन पूरा नहीं हो पा रहा था। इस वर्क को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल किया और करीब 25 करोड़ रुपये जारी कर काम शुरू कराया। अखिलेश सरकार में काम पूरा नहीं हो सका। नई सरकार बनने के बाद ब्यूटीफिकेशन वर्क पूरा हुआ। वर्क कम्प्लीट हुए अभी एक महीना भी पूरा नहीं हुआ है कि अब एमजी रोड ब्यूटीफिकेशन वर्क सीएजी ऑडिट की जांच की जद में आ गया है।

मल्टी लेवल पार्किंग : 30 करोड़

2009 में प्रस्ताव 2016 में काम हुआ पूरा

सिविल लाइंस में मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण तो 2009 से प्रस्तावित था, लेकिन सपा सरकार में इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया गया। करीब 30 करोड़ रुपये सरकार ने जारी किया। डेढ़ साल के बाद मल्टीलेवल पार्किंग का काम पूरा हुआ। 2016 में शुरू हुआ मल्टीलेवल पार्किंग भी सीएजी ऑडिट की जद में आएगा। जो बनकर तैयार है। लेकिन, पार्किंग अभी भी रोड पर ही हो रही है।

चन्द्रशेखर आजाद पार्क: 25 करोड़

पता चलेगा क्यों उखड़ रहा जॉगिंग ट्रैक

चंद्रशेखर आजाद पार्क यानी कंपनी गार्डेन के ब्यूटीफिकेशन के लिए गवर्नमेंट ने पानी की तरह पैसा बहाया, कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। करीब 25 करोड़ रुपया खर्च हुआ। सबसे ज्यादा धन तीन किलोमीटर का रबराइज्ड जॉगिंग ट्रैक तैयार करने में खर्च हुआ। लेकिन, तैयार होने के कुछ महीने बाद ही ट्रैक उखड़ने लगा था। जिस पर सवाल भी उठाया गया। सीएजी जांच में स्पष्ट होगा की आखिर क्या कारण रहा।

आवास योजना-रीवर फ्रंट

पता चलेगा कितना खर्च और कितना काम हुआ

इलाहाबाद विकास प्राधिकरण कालिंदीपुरम में करीब पांच ग्रुप हाउसिंग का निर्माण करा रहा है। जिसमें समाजवादी आवास योजना भी शामिल है। जिसका प्रोजेक्ट 30 करोड़ से अधिक का है। ये प्रोजेक्ट भी अब जांच के दायरे में आएंगे। साथ ही अरैल में तैयार होने वाला रिवर फ्रंट डेवलपमेंट भी जांच के दायरे में आएगा। जिसके लिए सरकार से करीब 25 करोड़ रुपये मिल भी चुके हैं। काम तो सिंचाई विभाग करा रहा है, लेकिन नोडल एजेंसी एडीए ही है।

जीटी रोड और र्थानहिल रोड की होगी जांच

करीब 15 करोड़ रुपये खर्च कर एडीए ने हीरा हलवाई चौराहा से सेंट एंथोनी तक थार्नहिल रोड का भी ब्यूटीफिकेशन कराया था।