- 2013 में ही पूरी हो जानी थी परियोजना

- बजट मिलने में हुई देरी बनी कारण, काम के साथ-साथ बढ़ता गया बजट

GORAKHPUR: रामगढ़ताल को कचरा मुक्त कर उसका सौंदर्यीकरण करने के लिए प्रस्तावित रामगढ़ताल परियोजना तय समय के पांच साल बाद भी पूरी नहीं हो सकी है। परियोजना को अप्रैल 2010 में इस दावे के साथ प्रस्तावित किया गया था कि 2013 में योजना का काम पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन विभिन्न कारणों से हुई देरी को देखते हुए 2018 में भी परियोजना के पूरा होने पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। हालांकि प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के अनुसार परियोजना का 90 फीसदी काम किया जा चुका है। ताल से अलगी की संख्या कम करने के लिए फाउंटेन लगाने के अलावा कुछ प्रस्तावित काम ऐसे हैं जिन्हें तकनीकी कारणों से किया ही नहीं जा सकता है।

90 परसेंट काम करने का दावा

रामगढ़ताल परियोजना के तहत किए जाने वाले विकास कार्यो में से अधिकांश काम हो चुके हैं। अधिकारियों का दावा है कि परियोजना के दौरान तय किए 90 फीसदी काम पूरे कर लिए गए हैं। अभी तक रामगढ़ताल परियोजना के तहत पैडलेगंज व झारखंडी में पंपिंग स्टेशन तथा झारखंडी व देवरिया बाई पास पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। ताल की कई बार सफाई की गई, नया सवेरा तिराहे का सौंदर्यीकरण सहित कई काम किए गए हैं।

यह काम हैं बाकी

रामगढ़ताल परियोजना के तहत ताल में 550 मीट्रिक टन एलम डालने, पैडलेगंज से नया सवेरा तक रेलिंग बनाने, 25 कियॉस्क व जलकुम्भी कम करने के लिए आर्टिफिशिएल एयर सर्कुलेटर लगाने की भी योजना थी। परियोजना के कार्य निर्धारण के समय यह तय हुआ था कि 2013 तक यही सभी काम जाने चाहिए। लेकिन तय समय के पांच साल बाद भी यह काम नहीं हो पाए हैं। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि सभी काम पूरे करके साल के अंत जीडीए को परियोजना सौंप दी जाएगी।

परियोजना से कैंसिल होंगे प्रस्ताव

परियोजना की सूची से एलम डालने, 12 कियॉस्क हटाने को प्रस्ताव तैयार कर प्राजेक्ट मैनेजर ने शासन को भेज दिया है। ताल में 550 मीट्रिक टन एलम इसलिए डालना था कि यह अलगी को लेकर पानी के सतह में बैठ जाता है। जिससे जलकुम्भी का बढ़ना कम हो जाता है।

196 में से 177 करोड़ खर्च

परियोजना की शुरुआत के बाद धीरे-धीरे इसका बजट बढ़कर 196.57 करोड़ तय किया गया था। अभी जबकि प्रोजेक्ट मैनेजर का दावा है कि करीब 90 फीसदी काम पूरे हो चुके हैं, तो बजट का 177.17 करोड़ रुपए भी खर्च हो चुके हैं। अब परियोजना के तहत जो काम होने हैं उन सभी कामों के लिए केवल 19.4 करोड़ का ही बजट बाकी है। जिनमें ताल के किनारे 6 किलोमीटर बोल्डर पिचिंग के लिए 22 करोड़ का प्रस्ताव अलग से तैयार करके भेजा गया है।

वर्जन

परियोजना के तय समय में पूरा नहीं होने के कई कारण हैं। समय से बजट आवंटित नहीं होना, जमीन नहीं मिलना, कर्मचारियों का अभाव इन सभी ने कामों को प्रभावित किया है।

- रत्न सेन सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर