देवगुरु बृहस्पति ने पकड़ी शत्रु राशि तुला की राह, अब कन्या में थे विराजमान

यह परिवर्तन पांच लग्न के जातकों के लिए परेशानी की की स्थिति खड़ी कर सकता है

ALLAHABAD: बृहस्पति ग्रह का दर्जा देवताओं में गुरु का है और ग्रहों में भी उसे गुरु ही माना जाता है। इससे उन्हें सबसे बड़ा ग्रह माना जाता है। इसी तरह ज्योतिषशास्त्र में भी बृहस्पति का कद बहुत बड़ा माना जाता है। बहुत सारे शुभ योग, शुभ कायरें के लिये गुरु की शुभता बहुत ही आवश्यक मानी जाती है। यदि किसी जातक की कुंडली में गुरु को कोई अशुभ ग्रह देख रहा हो या फिर गुरु ही किसी अशुभ ग्रह के साथ विराजमान हो तो कायरें में अड़चनें आने लगती हैं। किसी की कुंडली में बृहस्पति यदि नकारात्मक हो तो अच्छी सलाह देने वाला भी दुश्मन नज़र आने लगता है या उसकी सलाह दुश्मनों जैसी साबित होने लगती है। 12 सितंबर को गुरु कन्या राशि से परिवर्तित होकर तुला राशि में प्रवेश कर रहे हैं। वृहस्पति का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा परन्तु कुछ लग्न को गुरु का यह परिवर्तन ज्यादा प्रभावित करेगा। पांच लग्न के जातकों को गुरु का यह राशि परिवर्तन छोटी से लेकर बड़ी परेशानियां तक पैदा करने के संकेत कर रहा है

सिंह लग्न: निर्णय लेने में होगी परेशानी

सिहं राशि के जातकों के लिये बृहस्पति कुछ मामलों में तो सकारात्मक रहेंगें लेकिन कुछ पक्ष हैं जिन्हें लेकर थोड़ा सचेत रहने की आवश्यकता है। बृहस्पति राशि के तीसरे स्थान में प्रवेश कर रहे हैं। इससे पराक्रम में कमी तथा धन में वृद्धि होगी लेकिन वह तभी संभव है जब आप निर्णय अच्छे लेंगें और निर्णय लेने की स्थिति गुरु के प्रभाव से असमंजस की रह सकती है। महत्वपूर्ण फैसले लेने में दुविधा में पड़ सकते हैं।

तुला राशि: सेहत पर दें ध्यान

बृहस्पति तुला राशि में ही रहे हैं इस लिए इस राशि वालों की सेहत गड़बड़ हो सकती है। हालांकि पारिवारिक जीवन सुखमय और व्यवसाय सही चलने के कारण इमोशनली और इकोनॉमिकली दिक्कत नहीं होगी। मांसाहार का प्रयोग कुछ समय तक बिल्कुल न करें। मद्यपान से दूर रहें। लिवर की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

वृश्चिक लग्न: खर्च से बढ़ सकती है चिंता

बृहस्पति के परिवर्तन के पश्चात वृश्चिक लग्न के जातकों के खर्च में बढ़ोतरी के आसार हैं। बृहस्पति इनकी राशि से 12वें स्थान में प्रवेश कर रहे हैं जो व्यय यानि खचरें का स्थान माना जाता है। निवेश में भी हानि उठानी पड़ सकती है। पैसों के लेनदेन में सचेत रहें।

मकर लग्न: सफलता के लिये कड़ी मशक्कत

मकर लग्न के जातकों के लिये बृहस्पति का राशि परिवर्तन बहुत खराब तो नहीं कहा जा सकता लेकिन सफलता के लिये कड़ी मेहनत जरूर करनी पड़ सकती है। व्यवसायी जातकों को प्रतिद्वंद्वियों से टक्कर लेने में पसीना आ सकता है। आपके लिये एक ही मंत्र है कि जो पाना चाहते हैं उसके लिये जी जान से मेहनत करें।

मीन लग्न: सेहत व आत्मबल हो सकता है कमजोर

मीन लग्न जातकों के लिये बृहस्पति का परिवर्तन अष्टम भाव में हो रहा है । स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। महत्वपूर्ण निर्णय लेने, साक्षात्कार आदि का सामना करने में आत्मविश्वास कमजोर रह सकता है। सलाह है कि जितना हो सके धैर्य से काम लें। अपने आप में विश्वास रखें व संयम से परिस्थितियों का सामना करें।

पड़ोसी राष्ट्रों से तनाव बढ़ने संभावना

बृहस्पति 12 सितम्बर 2017 को कन्या राशि को छोड़ कर तुला राशि में प्रवेश कर गये है। बृहस्पति शुभ ग्रह है परंतु शत्रु राशि में प्रवेश करेंगे इसलिए यह परिवर्तन थोड़ा कष्टकर होगा। देव गुरु बृहस्पति का असुर गुरु शुक्राचार्य की राशि तुला में प्रवेश करना धार्मिक दृष्टि से अवरोधक होगा। धार्मिक उन्माद, धार्मिक वर्चस्व की लड़ाई में वृद्धि तथा गैर सनातन धर्म की व्यापक क्षति भी सम्भव है। भारत की कुंडली वृष लग्न की है ऐसे में गुरु का षष्ट भाव शत्रु स्थान में परिवर्तन पड़ोसी राष्ट्रों से तनाव बढ़ाएगा। घुसपैठ की संभावना बढ़ेगी। पाकिस्तान की और क्षति पहुंचाने का प्रयास हो सकता है। आंतरिक सुरक्षा को सेंध लग सकती है।

वर्जन

ज्योतिष शास्त्र में भी बृहस्पति का कद बहुत बड़ा माना जाता है। देश की बात करें तो भारत का पड़ोसी राष्ट्रों से तनाव बढ़ेगा।

पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली

ज्योतिषाचार्य एवं निदेशक

उत्थान ज्योतिष संस्थान

तुला संतुलन की राशि है। गुरु इसका शत्रु ग्रह है। शत्रु राशि में प्रवेश करने से भारत सहित अन्य देशों पर शक्ति संतुलन का संघर्ष तेज होगा। समाज में ज्ञान व विज्ञान संतुलित अवस्था में चलेंगे। इसके साथ ही भारत ही नहीं पूवे विश्व में सत्ता परिवर्तन भी होगा।

आचार्य अविनाश राय

ज्योतिषाचार्य