-तालकटोरा के ई-ब्लॉक की घटना, मोहल्ले वालों ने पहुंचाया हॉस्पिटल

-छोटा बेटा पीटता रहा, घर में मौजूद मंझला बेटा रहा बेखबर

-मोहल्ले वालों के दबाव के बाद सुबह मंझले बेटे ने पुलिस को सूचना

LUCKNOW: जिसने उसे नौ महीने अपनी कोख में रखातमाम झंझावटें झेल पाला-पोस कर बड़ा कियापर उसी कलयुगी बेटे ने जायदाद के लिए मां को अपना दुश्मन ही मान लिया। रविवार रात तालकटोरा इलाके में जो कुछ हुआ वह जानेंगे तो आपका कलेजा भी कांप उठेगा। प्रॉपर्टी हथियाने के लिए लालची छोटे बेटे ने पूरी रात मां को यातना दी। इस दौरान घर में मौजूद दूसरा बेटा भी चुप्पी साधे रहा। शुक्र रहा कि सुबह मोहल्ले वालों ने मंझले बेटे पर दबाव बनाकर पुलिस को सूचना दिलवाई। इसके बाद पुलिस ने कमरे में बंद घायल पड़ी मां को बाहर निकलवाया और वापस लौट गई। बड़ी मुश्कि ल से मोहल्ले वालों ने उसे सिविल हॉस्पिटल में एडमिट कराया। देर शाम रमा वाजपेयी ने पड़ोसियों के जरिए तालकटोरा थाने पर तहरीर भी भिजवाई। हालांकि एसओ तालकटोरा से जानकारी मांगी गई तो फैमिली मैटर बताते हुए जांच का बहाना बनाकर पल्ला झाड़ लिया।

पांच साल पहले हो चुकी है पति की मौत

राजाजीपुरम के ई ब्लॉक निवासी पीडी वाजपेयी पीडब्लूडी विभाग में इंजीनियर थे। पांच साल पहले उनकी मौत हो गई। जिसके बाद उनके परिवार में पत्‍‌नी रमा वाजपेयी, तीन बेटे करुणाशंकर, विजय और आशू वाजपेयी शेष रह गए। पति की मौत के बाद करुणाशंकर की पीडब्लूडी में नौकरी लग गई। जिसके बाद उसने विभूतिखंड थाने के करीब अपना घर बनवा लिया और पत्‍‌नी व बच्चों के साथ वहां शिफ्ट हो गया। जबकि, दवा व्यवसायी विजय और आशू अपनी पत्‍‌नी व बच्चों के साथ पैतृक घर में रहते हैं।

बंटवारे से नहीं थे संतुष्ट

पति की मौत के बाद रमा वाजपेयी ने पति द्वारा छोड़ी जमीन-जायदाद को तीनों बेटों के बीच बांट दिया। पर, आशू और उसकी पत्‍‌नी आकांक्षा बंटवारे से संतुष्ट नहीं थे। उनका कहना था कि रमा ने बड़े बेटे करुणाशंकर को ज्यादा हिस्सा दे दिया। अक्सर होने वाले विवाद को देखते हुए रमा ने मकान के ग्राउंड फ्लोर स्थित कमरे में अपना खाना बनाना शुरू कर दिया। पर, इसके बावजूद आशू और विजय ने उनसे झगड़ा करना बंद न किया। करीबी रिश्तेदारों ने कई बार बीच-बचाव करने की भी कोशिश की। पर, नतीजा सिफर ही रहा।

कमरे में बंद कर पीटता रहा

पड़ोसियों के मुताबिक, बीती रात आशू शराब के नशे में घर पहुंचा और जमीन-जायदाद के बटवारे में पक्षपात का आरोप लगाते हुए गालियां देने लगा। रमा ने विरोध जताया तो वह उन्हें उनके कमरे में खींच ले गया और उनकी पिटाई शुरू कर दी। पूरी रात रमा बेटे से दया की भीख मांगती रहीं लेकिन, उसका दिल न पसीजा और वह उन्हें कुछ-कुछ देर में उन्हें बेरहमी से पीटता रहा। रमा की चीख-पुकार पड़ोसी भी सुनते रहे लेकिन, वे सभी बेबस थे। सुबह होने पर पड़ोसी एकजुट हुए और उनके घर जा पहुंचे। मंझले बेटे विजय से तहकीकात की तो उसने बताया कि मां को पूरी रात आशू ने पीटा है। पड़ोसियों के दबाव डालने पर उसने पुलिस को इसकी सूचना दी। पड़ोसियों के मुताबिक, जानकारी मिलने पर तीन कॉन्सटेबल मौके पर पहुंचे और कमरे में बंद रमा वाजपेयी को बाहर निकलवाया। हालांकि, वे भी बिना कोई कार्रवाई किये ही वहां से चलते बने। जिसके बाद पड़ोसियों ने बुजुर्ग रमा वाजपेयी को सिविल हॉस्पिटल में एडमिट कराया। जहां उनका इलाज चल रहा है।