मुंबई पुलिस आयुक्त अरुप पटनायक और क्राइम ब्रांच के संयुक्त आयुक्त हिमांशु राय ने संवाददाता सम्मेलन में गिरफ़्तारियों के बारे में

जानकारी दी लेकिन पत्रकारों के सवालों के जवाब नहीं दे सके।

पुलिस अधिकारियों ने सात लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है लेकिन ये नहीं बता पाई कि आखिरक ज्योतिर्मय डे की हत्या क्यों की

गई। यह पूछे जाने पर कि क्या ज्योतिर्मय डे के ईमेल का उनकी हत्या से कोई संबंध है तो हिमांशु राय ने कहा कि इस बारे में भी जांच चल रही है और अभी जल्दी कुछ कहना सही नहीं होगा।

इस बारे में पूछे जाने पर पुलिस आयुक्त अरुप पटनायक का कहना था,'' ये सवाल वाजिब है। हमने कोर्ट से समय लिया है। हमने उन अपराधियों को गिरफ़्तार कर लिया है जो इस हमले में सीधे सीधे शामिल थे लेकिन ये हत्या क्यों हुई। इसके पीछे क्या कारण थे। क्या उद्देश्य था। ये हम पता नहीं लगा पाए हैं। थोड़ा समय मांगा है हमने सब पता चल जाएगा। हम उम्मीद करते हैं कि पत्रकार हमारे साथ सहयोग करेंगे.''

हिमांशु राय ने क्राइम ब्रांच के अभियान की पूरी जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में छोटा राजन गैंग का हाथ था और छोटा राजन ने ही सतीश कालिया को डे को मारने की सुपारी दी थी। राय का कहना था,'' हमारी जानकारी के अनुसार छोटा राजन ने सतीश कालिया को डे को मारने का ठेका दिया। इसके बाद कालिया ने छह लोगों को जुटाया जिसमें अनिल वाघमोडे, अरुण डाके, अभिजीत शिंदे, सचिन गायकवाड़, नीलेश और मंगेश शामिल थे। छोटा राजन ने सतीश को ये नहीं बताया था कि डे पत्रकार हैं.''

पुलिस के अनुसार ज्योतिर्मय डे का अपराधियों ने तीन दिन तक पीछा किया और उसके बाद उनकी हत्या की। पुलिस के अनुसार कालिया ने उन्हें बताया कि जब उन्हें ये पता चला कि डे पत्रकार हैं तो वो मामले की गंभीरता को भांप कर मुंबई छोड़ कर भाग गए थे।

कोर्ट ने इन सभी अभियुक्तों को चार जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने क्राइम ब्रांच के लिए दस लाख रुपए ईनाम की घोषणा कर दी है। पाटिल ने दो अभियुक्तों की पहचान अनिल वाघमोरे और सतीश कालिया के रुप में की है। पाटिल का कहना था,‘‘ मुंबई पुलिस आयुक्त और संयुक्त आयुक्त ने मुझे गिरफ़्तारियों के बारे में सूचना दी है.’’

पाटिल का कहना था,‘‘मैंने मुंबई क्राइम ब्रांच के लिए 10 लाख के ईनाम की घोषणा की है उन्होंने बेहतरीन काम किया है.’’ इस बीच एक पुलिस अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा है कि इस मामले में अंडरवर्ल्ड का हाथ होने की बात स्पष्ट हो चुकी है।

56 वर्षीय ज्योतिर्मय डे की एक जून को मुंबई से सटे पोवई में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। डे पर हमला करने वाले मोटरसाइकिल से आए थे और उन्होंने बिल्कुल निकट से डे पर कम से कम पाँच गोलियां चलाईं।

पुलिस के अनुसार डे के लैपटॉप और हार्ड डिस्क से भी कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ मिले हैं जिससे कई मामले में कई सुराग मिल सके। महाराष्ट्र में कई पत्रकार संघों ने डे की हत्या की सीबीआई जांच की मांग की थी लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने सीबीआई जांच की सिफ़ारिश नहीं की थी। इससे पहले बांबे हाई कोर्ट ने भी इस मामले में संज्ञान लेते हुए पुलिस को छह जुलाई तक जांच की प्रगति रिपोर्ट देने को कहा है। इसी मामले में आज़ाद मैदान के एसीपी अनिल महाबोले का ट्रांसफर भी हो चुका है क्योंकि उनका नाम इस मामले में आया था।

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