- रेंजर को दिया निर्देश, होगी कार्रवाई

- सात दिन में मांगी है जांच पड़ताल की रिपोर्ट

GORAKHPUR : जिले के नदी, तालाबों और नालों से कछुआ पकड़ना महंगा पड़ेगा। आई नेक्स्ट में छपी खबर को डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट आफिसर ने गंभीरता से लिया है। आई नेक्स्ट की न्यूज पढ़कर डीएफओ ने कछुआ तस्करी पर लगाम कसने को कहा। उन्होंने मामले को गंभीर मानते हुए फौरन कार्रवाई का निर्देश दिया। एक हफ्ते के भीतर रेंजर अपनी रिपोर्ट डीएफओ को सौपेंगे।

आई नेक्स्ट ने खोली कोडवर्ड की पोल

मछली पकड़ने के बहाने गोड़धोइया नाला में जाल डालकर कछुआ पकड़ने का मामला सामने आया। पब्लिक के फोटो खींचने पर मछुआरों ने आधा दर्जन से अधिक कछुओं को दोबारा पानी में डाल दिया। हो-हल्ला होने पर मछुआरे भाग निकले। जाल में फंसे कछुए 30 से 40 किलोग्राम वजन के थे। आई नेक्स्ट ने कछुआ तस्करी की तह तक जाने का प्रयास किया। तब पता लगा कि प्रतिबंध के बावजूद शहर में खुलेआम दो से चार सौ रुपए में कछुए बिक रहे हैं। एक्वेरियम शॉप चलाने वाले दुकानदार रंग बिरंगी मछलियों के साथ कोडवर्ड में कछुआ बेच रहे हैं।

डीएफओ ने लिया संज्ञान, होगी जांच पड़ताल

कछुआ तस्करी की न्यूज आई नेक्स्ट ने पब्लिश की। मंडे को डीएफओ दफ्तर पहुंचे। जिले में कछुआ तस्करी रोकने के लिए गंभीरता से कार्रवाई का निर्देश दिया। अपने पीए को बुलाकर उन्होंने पत्र जारी करने को कहा। जिले के सभी रेंजर्स को इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखने की हिदायत दी। डीएफओ ने कहा सिटी में एक्वेरियम शॉप्स की जांच की जाएगी। यदि किसी शॉप पर कछुआ बिकता मिला तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

कछुआ का शिकार और बिक्री प्रतिबंधित है। आई नेक्स्ट ने इस मुद्दे को उठाकर सराहनीय काम किया है। रेंजर्स को निर्देश दिए गए हैं कि जांच करके रिपोर्ट दें। इस मामले में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

डॉ। जनार्दन शर्मा, डीएफओ