साहब पुलिस की खराब होती छवि को लेकर नाराज हैं और चिंतित भी। उनका मानना है कि मीडिया आधी-अधूरी और एक पक्षीय खबरें दिखा और छापकर पुलिसवालों को विलेन बना देता है। हालांकि इसके लिए साहब ओवरऑल डिपार्टमेंट के अधिकारियों को ही जिम्मेदार मानते हैं जो मीडिया को सही और पूरी जानकारी नहीं देते हैं। डीजीपी साहब इस बात से भी खफा हैैं कि पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर बिना वर्दी के पहुंच जाते हैं। इसी वजह से मीडिया से ज्यादा मुखातिब नहीं होना चाहते और जानकारी प्रेस के पास नीचे के पुलिसवालों के जरिए पहुंचती हैअब दरोगा और एसओ जब बात कहेंगे तो जाहिर उनमें बात को कहने की वैसी सलाहियत नहीं होगी जैसी अधिकारियों में होती हैउनकी कही बातें मीडिया की सुर्खियां बन जाती है। मगर, अब ये सब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, इसके लिए साहब ने एक बाकायदा एक सर्कुलर जारी कर दिया है।

 अधूरी खबरें छपती हैं मीडिया में

डीजीपी ने अपने फरमान में कहा है न्यूज चैनलों और समाचारपत्रों में पुलिस की छवि दिन पर दिन खराब होती जा रही है। इसे ठीक करने के लिए अधिकारी इलेक्ट्रॉनिक/प्रिंट मीडिया को सही और पूरे तथ्यों से अवगत कराएं। जिससे भ्रामक एवं एक पक्षीय खबरें प्रसारित व प्रकाशित होने पर रोक लगे। मीडिया से दूरी और गलत ब्रीफिंग बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगी। अधिकारी वर्दी में ही घटनास्थल पर जाएंगे। डीजीपी साहब की चिंता वाजिब है। अब देखना ये है कि नया सर्कुलर खाकी की छवि को कितना बदल पाता है।

ये कहा गया है सर्कुलर में

- जोनल पुलिस महानिरीक्षक /परिक्षेत्र पुलिस उपमहानिरीक्षक अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाले जनपदों के दौरे और इंस्पेक्शन के दौरान मीडिया को संबोधित करें।

- जनपद में पुलिस अधीक्षक स्वंय अथवा उनकी ओर से अधिकृत अधिकारी ही प्रेस ब्रीफिंग करेगा। पुलिस अधीक्षक नियमित रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी किया करें। जिससे पुलिस का पक्ष प्रेस को प्राप्त हो सके।

- देखा गया है अक्सर अधिकारी सादी वर्दी में मीडिया को ब्रीफ  करते हैं। ऐसा करना आपत्तिजनक है।

- निर्देशित किया जाता है कि जनपदीय पुलिस अधिकारीगण घटनास्थल पर वर्दी धारण करके ही जाएं। घटना के संबंध में पूर्ण जानकारी प्राप्त कर निर्धारित वर्दी में ही तथ्यात्मक जानकारी मीडिया को दें।

साहब तो सब जानते हैं

- सर्कुलर में डीजी ने ये भी बताया है कि सडक़ों पर पुलिसकर्मियों द्वारा ट्रकों से वसूली करने के कई मामले आ चुके हैं। कुछ पुलिसकर्मियों की हरकतों से पूरा महकमा बदनाम होता है। पुलिस छवि सुधार ले।

- पुलिसकर्मी सटोरियो के साथ मिलकर सïट्टा चलवाती है। ऐसे भी कई प्रकरण सामने आ चुके हैं। हाईवे से गुजरने वाले वाहनों में पुलिस जानवरों को पास कराती है।

- पुलिसकर्मियों पर अपराधियों को संरक्षण देने की बात भी सामने आ चुकी है। पुलिस के ऐसे कृत्य से आम नागरिक का भरोसा सिस्टम से उठता जा रहा है।