- डीजीपी अभियोजन ने रायफल क्लब में ली अधिकारियों की क्लास

- कमजोर साक्ष्य के कारण पैरवी को मजबूती न मिलने के कारण एसओज को लगाई लताड़

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डीजी अभियोजन सूर्य कुमार शुक्ल ने गुरुवार को रायफल क्लब में मातहतों की जमकर क्लास ली। उन्होंने मौका-ए-वारदात पर साक्ष्य के सही ढंग से इकठ्ठा न होने के कारण कोर्ट में कमजोर पैरवी की वजह से बच जा रहे गुनाहगारों के मामले में बनारस को काफी पीछे बताया। उनका कहना था कि अपराध के बाद सजा दिलाने के मामले में बनारस दूसरे शहरों से पिछड़ रहा है। इस स्थिति को सुधारने का उन्होंने निर्देश दिए। उनका कहना था कि एक गुनहगार बच जाएं पर एक बेगुनाह न फंसे। इस बात को ध्यान में रखकर पुलिस जांच करे।

कोर्ट भी है सख्त

डीजी अभियोजन ने बताया कि प्रदेश भर में जुलाई 2015 में अब तक चले मुल्जिमों को सजा कराओ अभियान की सफलता खुश करने वाली है लेकिन कुछ जिले पिछड़ रहे हैं। इसमें बनारस भी है। इसलिए जरूरी है कि छोटे अपराधों के साथ माफियाओं और बड़े अपराधियों को सजा कराने में कहीं सी ढिलाई न हो। डीजी ने कहा कि कि वर्तमान वर्ष में सजा का प्रतिशत 96 तक पहुंच चुकी है और इसे 100 परसेंट करना है। अभियोजन निदेशालय के अफसरों की मौजूदगी में हुई मीटिंग में कहा कि ज्यादा से ज्यादा अपराधी जेल जाएं इसके लिए अभियोजन और पुलिस, प्रशासनिक अफसरों को लगकर काम करना होगा।

अब नहीं बचेगा कोई अपराधी

डीजी ने कहा कि अपराधियों को सजा समय से मिले, ये ज्यादा जरूरी है। इसके लिए अदालतों की संख्या बढ़ाई जा रही है। प्रदेश भर में 292 फास्ट ट्रैक बढ़ाने का आदेश पास हो चुका है। इसके साथ ही 92 ग्रामीण न्यायालय भी मंजूर हो चुके हैं। इस पर काम चल रहा है। वहीं मोबाइल कोर्ट भी जल्द शुरू होने वाला है। बनारस में भी मोबाइल कोर्ट सुविधा मिलेगी। इसके शुरू होने के बाद ग्रामीण इलाकों के छोटे मोटे वादों का जल्द से जल्द निस्तारण हो सकेगा। बैठक में डीजीए अभियोजन, डीएम, एसएसपी, एसीएम, डीजेसी, डीजी, एसपी सिटी, एडीएम सिटी समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

अब गवाहों का भी होगा सम्मान

डीजी सूर्य कुमार शुक्ल ने कहा कि ऐसे गवाहों का सम्मान किया जा रहा है जो अपराधियों को गवाही दिलाने में अहम भूमिका निभाते हैं। फांसी की सजा दिलाने में गवाही करने वाले गवाहों का लखनऊ में समारोह आयोजित कर सम्मान किया गया है और ये प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी। डीजी ने स्थानीय स्तर पर भी गवाहों को सम्मानित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने गवाहों को सुरक्षा और मानदेय भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे कड़े फैसले देने वाले जजों को भी सम्मानित करने की तैयारी चल रही है। उनकी सूची बना ली गई है और हाईकोर्ट से इजाजत मिलने के बाद जजों को भी सम्मानित किया जाएगा।