- हाईकोर्ट में पड़ी याचिका के बाद संदेह के घेरे में आये डीजीपी ने दी सफाई

LUCKNOW : डीजीपी का कार्यकाल दो साल किये जाने को लेकर हाईकोर्ट में पड़ी याचिका के बाद संदेह के घेरे में आये डीजीपी जगमोहन यादव ने अपनी सफाई दी। जगमोहन यादव ने कहा कि उन्होंने कोई पीआईएल दाखिल नहीं की। उनको इसकी जानकारी रात में टीवी पर आ रही खबरों से हुई। डीजीपी ने कहा कि पीआईएल दाखिल करने का अधिकार किसी को भी है। इसमें मैं पक्षकार नहीं हूं। इस पर कोई हायतौबा नहीं मचनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरा नाम क्यों घसीटा जा रहा है, यह मुझे नहीं पता। डीजीपी मंडे की शाम से अब तक हुए घटनाक्रम से काफी व्यथित दिखे।

पीआईएल करना पाप नहीं-डीजीपी

डीजीपी ने बताया कि पुलिस अधिकारियों के कार्यकाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बहुत पहले से एक जजमेंट दिया हुआ है। जिसको लेकर किसी ने पूर्व में पीआईएल दाखिल की गयी थी, जिसपर ख्क् जनवरी को सुनवाई होनी है। कल जो पीआईएल दायर की गयी उसकी जानकारी मुझे टीवी चैनलों से मिली। डीजीपी ने कहा कि अगर कोई पीआईएल दाखिल करता भी है तो वह कोई अपराध नहीं है। पीआईएल से मुझे फायदा मिलता या नुकसान होता इसके बारे में कुछ नहीं कह सकते।

मैं सम्मान के साथ हो रहा हूं रिटायर

डीजीपी ने कहा कि पूरे विवाद से मैं व्यथित हूं। उन्होंने कहा कि मेरे घर में मेरे रिटायरमेंट की पूरी तैयारी चल रही है। सभी बच्चे और पूरा परिवार यहां है और सभी सेलेब्रेट कर रहे हैं। मैंने जिस दिन चार्ज लिया था उसी दिन पता था कि मेरा कार्यकाल म् माह का है। जिसे मैं दो दिन बाद पूरा कर फ्क् दिसंबर को सम्मान के साथ रिटायर हो रहा हूं। जगमोहन यादव ने माना कि अधिकारियों को काम करने के लिए पूरा समय मिलना चाहिए। इसमें मेरी राय का कोई मतलब नहीं है क्योंकि इसमें सुप्रीमकोर्ट पहले ही आर्डर कर चुका है जिसमें कोई गुंजाइश नहीं रह जाती। सरकार को इसको लागू करना चाहिए।