उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव संशोधन को लेकर जल्द ही जारी करेंगे सभी जिलों को आदेश

प्रदेश के पुलिस प्रमुख की नजर में कानून व्यवस्था संतोषजनक लेकिन संतुष्टि प्रदान करने वाला नहीं

ALLAHABAD: सूबे में आईपीएस व आईएएस अधिकारियों के बीच अधिकारों का विवाद सुलझने वाला है। गुरुवार को इलाहाबाद आए डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा कि आईपीएस अधिकारियों का रूतबा पहले जैसे ही बरकरार रहेगा। उनके अधिकारों में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं होगी। जिलों में क्राइम मीटिंग का नेतृत्व डीएम द्वारा किए जाने के आदेश में संशोधन किया जा रहा है। प्रमुख सचिव से इस संबंध में वार्तालाप हो चुकी है। जल्द ही इसे लेकर आर्डर जारी किया जाएगा। उन्होंने माना कि अब आईपीएस और आईएएस के बीच कोई रार नहीं है। आइपीएस के अधिकार जैसे पहले थे, आगे भी वैसे रहेंगे। इलाहाबाद में डीजीपी ने म्योहाल स्टेडियम में चल रहे पुलिस विभाग के बैडमिंटन प्रतियोगिता के समापन समारोह में शिरकत किया। उन्होंने साफ कहा कि क्राइम मीटिंग का अधिकार पुलिस कप्तान को ही होगा। सूबे की कानून व्यवस्था के सवाल पर उन्होंने कहा कि संतोषजनक है लेकिन संतुष्टि प्रदान करने वाला नहीं। डीजीपी के साथ एडीजी एसएन साबत ने भी पुलिस के तमाम अभियानों के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर एडीजी पीएचक्यू बीपी जोगदंड भी मौजूद रहे।

डीजीपी प्वाइंट टू प्वाइंट

- धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर बजाने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर कहा कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन हर हाल में कराया जाएगा

- माघ मेला की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हम सतर्क हैं। पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जा रही है

- पुलिस महकमे में एक लाख साठ हजार पुलिसकर्मियों की वेकेंसी है। हर साल पांच हजार दरोगा और 42 हजार कांस्टेबल भर्ती कराने की योजना है

- पुलिस को और आधुनिक करने की जरूरत है, इस पर काम चल रहा है।

- उन्होंने कहा कि साइबर सेल को और प्रभारी बनाने के निर्देश दिए गए हैं

- थानों की पुलिस जनता से मित्र बनकर पेश आए। ऐसा संदेश सभी पुलिसकर्मियों को दिया जा रहा है

- डॉ। बंसल हत्याकांड जैसे कई बड़े मामलों से पर्दा उठाने के निर्देश दिए गए हैं