सनातन धर्म के खिलाफ साजिश है साई पूजा

- सनातन धर्म संसद में पीके को बताया हिंदू विरोध फिल्म

- पास हुए नौ प्रस्ताव, सबको समान रूप से बच्चा पैदा करने का अधिकार

ALLAHABAD: सनातन धर्म संसद में संतों ने साई बाबा की मूर्ति पूजा का विरोध किया। उन्होंने साई पूजा पर पाबंदी लगाने की मांग की। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के माघमेला शिविर में रविवार को आयोजित सनातन धर्म संसद में गंगा को बांधमुक्त करने, संस्कृत विद्यालयों में खाली शिक्षकों के पद भरने, गाय की रक्षा सहित श्रीरामजन्म भूमि पर मंदिर निर्माण जैसे मुद्दों पर चर्चा की प्रस्ताव पारित किए गए।

सबसे प्राचीन है सनातन धर्म

जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि सनातन धर्म सबसे प्राचीन है। इसकी तुलना किसी अन्य धर्म से नहीं हो सकती। हमारे यहां बच्चे के जन्म से वह हिंदू है जबकि मुसलमानों को खतना करना पड़ता है। साईं पूजा का विरोध करते हुए कहा कि यह सनातन धर्म के खिलाफ गहरी साजिश है। इसके जरिए देवी-देवताओं का अपमान किया जा रहा है। जिस पर रोक लगाने की जरूरत है। धमरंतरण का विदेशों से आने वाला पैसा जब्त हो।

यह कोई समाधान नहीं

पुरी पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने वेदों के विलुप्त होने व गौहत्या पर चिंता व्यक्त की। गंगा के विकास के नाम पर उन्हें खत्म करने का षडय़ंत्र रचा जा रहा है। अग्नि अखाड़ा के आचार्य पीठाधीश्वर रामकृष्णानंद ने कहा कि राजनीतिक दल स्वयं के हित के लिए नए शंकराचार्य बना रहे हैं जो धर्म के खिलाफ है। संयोजन निरंजनी अखाड़ा के महंत नरेंद्र गिरि व संचालन स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने किया। इस दौरान हरिनारायणानंद, लक्ष्मीमणि शास्त्री, आनंद अखाड़ा के राजेश्वरानंद, महानिर्वाणी के जगदीश पुरी, जूना के सुरेशानंद, आहवान के तुलसी गिरि, बड़ा से महंत अग्रदास व निर्मल अखाड़ा के देवेंद्र शास्त्री आदि ने विचार व्यक्त किए।

प्रस्ताव पारित हुए-

-गंगा को बांधमुक्त किया जाए।

-गौहत्या पर पाबंदी लगे।

-सनातन हिंदू धर्म का साईंकरण बंद हो। साईं पर कल्पित व भ्रम फैलाने वाले धारावाहिक, फिल्मों पर पाबंदी लगाकर मंदिरों से उनकी मूर्तियां हटाई जाए। साईं के नाम पर एकत्रित की गई संपत्ति को जब्त कर सरकारी खजाने में मिलाया जाए।

-पीके जैसी हिंदूविरोधी फिल्म पर पाबंदी लगे।

-विद्यालयों में रामायण, महाभारत, गीता की पढ़ाई शुरू कराई जाए।

-संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पद भरे जाएं।

-सनातनी पद्धति व आचायरें के सहयोग से रामालय न्यास द्वारा श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण किया जाए।

-सरकारी योजनाओं का नाम राष्ट्रभाषा हिंदी में रखा जाए।

-सनातन धर्म संसद को स्थाई रूप दिया जाए।