दिउड़ी मंदिर को लेकर खुद धौनी का मानना है कि आज वह जो कुछ हैं, मां दिउड़ी के आशीर्वाद के बलबूते ही हैं। धौनी के अलावा उनकी वाइफ, उनके परिवार के लोग और फ्रेंड्स भी इस मंदिर में पूजा करने आते हैं। साल 2011 में वल्र्ड कप में जीत की दुआ मांगने और जीत मिलने के बाद आभार जताने और दिसंबर 2009 में अपने कॅरियर के शानदार पांच साल पूरे होने पर धौनी ने यहां विशेष पूजा की थी।

पहले से मंदिर आ रहे हैं धौनी

मनोज पंडा बताते हैं कि टीम इंडिया में चुने जाने से पहले से ही धौनी इस मंदिर

में पूजा करने आते रहे हैं। क्रीज पर अपने खेल जीवन के शुरुआती दिनों में और 1998-99 में रणजी टीम में कदम रखने से पहले से

ही वह मंदिर में पूजा के लिए आ रहे हैं। उनकी मां दिउड़ी में गहरी आस्था है, इसलिए जब भी रांची में होते हैं, मंदिर जरूर आते हैं। नौ मार्च को भी धौनी मंदिर आए थे और यहां आधा घंटा रुककर उन्होंने विधि-विधान से मां की पूजा की। दिउड़ी मंदिर मां काली के अवतार का

मंदिर है।

जो धौनी के लिए, वह सबके लिए

पुजारी मनोज पंडा बताते हैं कि धौनी जब भी मंदिर आते हैं, तब उनकी ओर से पूजा मां के मंत्र ओम सर्व मंगल मांगल्य शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ने त्रयंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते से होती है। उसके बाद महेंद्र सिंह धौनी पुष्पदान कर मां की पूजा करते हैं। मनोज पंडा कहते हैं- जो पूजा हम धौनी की ओर से करते हैं, वही पूजा सबकी ओर से करते हैं। उसमें कुछ अलग नहीं होता। हालांकि, एक बात जरूर होती है कि जब धौनी यहां होते हैं, तो सुरक्षा कारणों से धौनी द्वारा पूजा कर लिए जाने के बाद ही अन्य भक्त पूजा कर पाते हैं। खास मौकों पर यहां धौनी विशेष पूजा भी कराते हैं।

बढ़ी है भक्तों की संख्या

मनोज पंडा बताते हैं कि महेंद्र सिंह धौनी के यहां आने से इस मंदिर का नाम देश-विदेश तक हो गया है। यह मंदिर काफी फेमस हो गया है। यहां भक्तों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। आठ साल पहले यहां ट्यूजडे और संडे को 400-500 भक्त आते थे, पर अब आम दिनों में उनकी संख्या बढ़कर 4,000 से 5,000 हो गई है। झारखंड के एमएलएज व मिनिस्टर्स के अलावा अमेरिका और इंग्लैंड से भी फॉरेनर्स यहां पूजा करने आते हैं।

धौनी ने दिया मदद का आश्वासन

तमाड़ स्थित दिउड़ी मंदिर के एक अन्य पुजारी ने बताया- आज से 3-4 साल पहले हमने धौनी से दिउड़ी मंदिर के निर्माण में सहयोग करने की बात की थी। इसपर उन्होंने सहयोग करने का भरोसा दिलाया था, पर अब तक उनकी ओर से कोई मदद नहीं मिली है। खैर, वह मंदिर के लिए जो भी दें, यह उनकी और माता की इच्छा है। हमने इसके लिए कोई निर्धारित राशि की मांग नहीं की है। लेकिन, हमें भरोसा है कि धौनी मंदिर के लिए कुछ न कुछ राशि जरूर देंगे।