धोनी का कहना था कि युवराज ने अपनी तरफ से मैच जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

रविवार को टी-20 वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में भारतीय बल्लेबाज़ी ने निराश किया. युवराज से सबको उम्मीदें थी, लेकिन युवराज की बल्लेबाज़ी ने सबको निराश कर दिया. युवराज 21 गेंदों में मात्र 11 रन ही बना पाए.

भारत के 130 रनों के जवाब में श्रीलंका ने चार विकेट खोकर मात्र 17.5 ओवर में जीत दर्ज़ कर ली.

टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस हुई जिसमें भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से  युवराज के प्रदर्शन पर कई सवाल किए गए.

धोनी ने इन सवालों का जवाब देते हुए कहा, "युवराज के लिए वो दिन ही खराब था. उन्होंने अपनी ओर से पूरी कोशिश की लेकिन पहली गेंद से ही धुंआधार बल्लेबाजी करना आसान नहीं है."

खराब दिन

महेंद्र सिंह धोनी से जब प्रेस कांफ्रेंस में पूछा गया कि क्या  धीमी बल्लेबाजी कर रहे युवराज को उन्होंने मैच के बीच में कोई सलाह दी थी, तो उन्होंने कहा, "नहीं, वे पूरी कोशिश कर रहे थे. उन स्थितियों में कोई उससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकता था."

धोनी ने किया युवराज का बचाव

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जब धोनी से खासतौर पर भारतीय क्रिकेट टीम में भविष्य में युवराज के खेलने पर सवाल किया गया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए सहज भाव से जवाब दिया, "भारतीय क्रिकेट का मौसम अभी खत्म हो चुका है. अब इंडियन प्रीमियर लीग सहित सारे घरेलू टूर्नामेंट खेले जाने हैं. खिलाड़ियों को चुने जाने में अभी काफी देरी है, इसलिए फिलहाल इस बारे में बात करना सही नहीं."

गंभीर मुद्रा में बोलते हुए धोनी ने कहा, "एक खिलाड़ी कभी नहीं चाहता कि वह 40000 लोगों के सामने खराब प्रदर्शन करे. ना ही कोई खिलाड़ी कैच छोड़ना चाहता है. मगर कभी-कभी ऐसा हो जाता है. ऐसा किसी एथलीट के साथ भी हो सकता है. हो सकता है कि वो दिन युवराज के लिए  खराब हो."

महेंद्र सिंह धोनी ने कहा, "प्रशंसक तो खराब प्रदर्शन से निराश होते ही हैं, लेकिन उनसे भी ज्यादा निराशा खिलाड़ियों को होती है."

युवराज की ओर से खेली गई धीमी पारी ही मैच में जीत की उम्मीदों पर तो भारी नहीं पड़ी, ये पूछे जाने पर धोनी इस अंतहीन होती बातचीत का सिलसिला खत्म करने के इच्छुक नजर आए.

उन्होंने कहा, "किसी भी मैच में जीत या हार पूरी टीम पर टिकी होती है. इसलिए किसी व्यक्ति-विशेष पर सवाल ना उठाए जाएं."

कई सवाल

"एक खिलाड़ी कभी नहीं चाहता कि वह 40000 लोगों के सामने खराब प्रदर्शन करे. ना ही कोई खिलाड़ी कैच छोड़ना चाहता है. मगर कभी-कभी ऐसा हो जाता है. ऐसा किसी एथलीट के साथ भी हो सकता है. हो सकता है कि वो दिन युवराज के लिए खराब हो."

-महेंद्र सिंह धोनी, भारतीय कप्तान

भारत और श्रीलंका के बीच बांग्लादेश में चल रहे टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में युवराज को सुरेश रैना से पहले चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया. प्रेस कांफ्रेंस में धोनी से युवराज को चौथे नंबर पर भेजे जाने के निर्णय पर भी सवाल उठाया गया.

महेंद्र सिंह धोनी ने बताया, "हमारे अधिकांश बल्लेबाज बिग शॉट खेलने में वक्त लेते हैं. केवल रैना ही अकेले ऐसे खिलाड़ी हैं जो शुरूआत से ही आक्रामक बल्लेबाजी कर सकते हैं. इसीलिए हमने बल्लेबाजी के लिए युवी को चौथे नंबर पर भेजा."

धोनी ने किया युवराज का बचाव

धोनी ने श्रीलंका टीम के खिलाड़ियों के खेल, खासकर डेथ ओवर में फेंके गए 'वाइड' यॉर्कर, की तारीफ की.

श्रीलंकाई खिलाड़ियों की तारीफ करते हुए धोनी ने कहा, "हम अंतिम चार ओवर में ज्यादा से ज्यादा रन बनाना चाहते थे, लेकिन श्रीलंकाई गेंदबाजों ने ऐसा होने नहीं दिया. उन्होंने 'वाइड' यॉर्कर फेंके. मलिंगा ने बेहतरीन वाइड यॉर्कर फेंके. रणनीति के तहत शानदार तरीके से खेलते हुए श्रीलंका के खिलाड़ियों ने अपनी योजना को बखूबी अंजाम दिया."

धोनी ने अपने खास गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन से शुरूआत क्यों नहीं की, इसके जवाब में धोनी ने अपना बचाव करते हुए कहा, "हमारी योजना ये थी कि हम अश्विन को लेफ्ट हैंडर्स बल्लेबाजों के खिलाफ मैच के मध्य में उतारेंगे. इसीलिए हमने उनसे शुरूआत नहीं की. लेकिन पेसर जब रन बनाने लगे तो मुझे उन्हें पहले बल्लेबाजी करने के लिए बुलाना पड़ा. अश्विन ने विकेट भी ली."

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