-दस साल में दोगुने से अधिक हो गए बीपी और डायबिटीज के मरीज

-कमिश्नर ने डॉक्टर्स से की मरीजों के प्रति संवेदनशीलता बरतने की अपील

ALLAHABAD: डायबिटीज मीठी की छुरी की तरह है। यह धीरे-धीरे इंसान के शरीर को खोखला करती है। एक बार इसकी चपेट में आने के बाद मरीज को ठीक होने में काफी समय लग जाता है। एक्सरसाइज और संतुलित खानपान के जरिए इस पर रोक लगाई जा सकती है। कमिश्नर बीके ंिसह ने डायबिटीज एजूकेशन फोरम की ओर से एमएलएन मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में आयोजित सेमिनार के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्राइमरी स्टेज पर बीमारी की जानकारी हो जाए तो मरीज सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है।

दवाओं के चयन का रखें ध्यान

उन्होंने कहा कि डायबिटीज के इलाज में इस प्रकार की दवाएं दी जाएं जिसका मरीजों पर कम साइड इफेक्ट हो। दवाओं का कॉम्बिनेशन साइड इफेक्ट देखकर तैयार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेडिकल का दर्जा सबसे ऊपर है। लोग भगवान के बाद डॉक्टर को उच्च दर्जा देते हैं। अत: डॉक्टरों को शांत, गंभीर और संवेदनशील रहते हुए मरीजों का इलाज करना चाहिए। डॉक्टर्स में अवेलिबिलिटी, बिहेवियर कांपीटेंसी का समन्वय होना चाहिए।

अतिथियों को किया गया सम्मानित

प्रो। सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में फाउंडेशन द्वारा मधुमेह त्रैमासिक पत्रिका का विमोचन किया गया। प्रिंसिपल ने कमिश्नर को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कमिश्नर ने प्रिंसिपल, डॉ। वंदना बंसल, डॉ। सरिता बजाज, डॉ। कमलजीत सिंह, डॉ। करुणाकर द्विवेदी, डॉ। दिलीप चौरसिया, डॉ। अश्वनी कुमार, डॉ। अनुभा श्रीवास्तव, डॉ। शांति चौधरी को सम्मानित किया। संचालन डॉ। शांति चौधरी ने किया। इस दौरान फाउंडेशन की ओर से लगाए गए कैंप में मरीजों को निशुल्क जांच व इलाज उपलब्ध कराया गया। उन्होंने बताया कि अब तक फाउंडेशन के म्0 हजार सदस्य बन चुके हैं। कमिश्नर भी इसके सदस्य हैं।

डॉक्टर्स के सामने बड़ा चैलेंज

-भारत में ख्0क्भ् में ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़कर 70 मिलियन हो जाएगी

-ख्00भ् में यह संख्या फ्फ् मिलियन थी

-डायबिटीज का असर मरीज के किडनी, आंख, हृदय पर पड़ता है

-संतानहीनता के मामले भी सामने आते हैं