-बोर्ड ने माना डायबिटिक स्टूडेंट को थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाने की होती है जरूरत

-ऐसे स्टूडेंट अपने साथ पानी, चॉकलेट, कैंडी और शुगर की टेबलेट्स लेकर जा सकते हैं सेंटर के अंदर

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-10वीं- 6,102 स्टूडेंट्स

-12वीं-5345 स्टूडेंट्स

-एग्जाम सेंटर-12

<-बोर्ड ने माना डायबिटिक स्टूडेंट को थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाने की होती है जरूरत

-ऐसे स्टूडेंट अपने साथ पानी, चॉकलेट, कैंडी और शुगर की टेबलेट्स लेकर जा सकते हैं सेंटर के अंदर

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-क्0वीं- म्,क्0ख् स्टूडेंट्स

-क्ख्वीं-भ्फ्ब्भ् स्टूडेंट्स

-एग्जाम सेंटर-क्ख्

BAREILLYBAREILLY :

सीबीएसई ने इस वर्ष टाइप-क् डायबिटीज को दिव्यांग की कैटेगरी में रखा है। इससे टाइप-क् डायबिटीज से पीडि़त स्टूडेंट्स को बड़ी राहत मिलेगी। क्0वीं और क्ख्वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स से फार्म भी भरवा लिया गया है। जिससे एग्जाम सेंटर पर उन्हें अपने साथ खाने-पीने की चीजें ले जाने की सुविधा ि1मल सके।

ऐसे मरीजों को होता है खतरा

बोर्ड ने कहा है कि जो भी स्टूडेंट्स टाइप-क् डायबिटीज से पीडि़त हैं। वे दिव्यांग की कैटेगरी के तहत ही फॉर्म भरें। सीबीएसई ने क्0वीं और क्ख्वीं की परीक्षा में शामिल हो रहे ऐसे सभी स्टूडेंट्स जो इंसुलिन पर निर्भर हैं, उन्हें परीक्षा केंद्र पर शुगर टैबलेट्स, चॉकलेट, कैंडी और पानी की बोतल ले जाने की छूट दी है। सीबीएसई के सर्कुलर में कहा गया था। इन बच्चों को हर थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाने की जरूरत होती है ताकि उन्हें हाइपोग्लैकेमिया से बचाया जा सके, जिससे जान का भी खतरा रहता है।

भ् मार्च से हैं एग्जाम

क्0वीं और क्ख्वीं की बोर्ड परीक्षाएं भ् मार्च से शुरू हो रही हैं और बोर्ड एग्जाम में शामिल होने वाले डायबिटिक बच्चों से कहा गया है कि अगर वे परीक्षा के दौरान विशेष छूट चाहते हैं तो उन्हें शारीरिक दिव्यांग कैटेगरी में फॉर्म भरना होगा। दिव्यांग कानून ख्0क्7 के तहत जो ख्क् अक्षमताएं इस लिस्ट में शामिल हैं उसमें डायबिटीज नहीं है। एक्सप‌र्ट्स की मानें तो इस तरह के बच्चे दिव्यांग सर्टिफिकेट के अधिकारी नहीं हैं लेकिन सीबीएसई के इस कदम की वजह से कुछ जटिलताएं हो सकती हैं और इस तरह के स्टूडेंट्स आगे चलकर दिव्यांग कानून के तहत सुविधाओं की मांग कर सकते हैं।

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दिव्यांगों के लिए सुविधाएं

-सीबीएसई की परीक्षा में बैठने वाले सभी दिव्यांग स्टूडेंट्स के लिए गाइड लाइन जारी की है, जिसमें बोर्ड ने दिव्यांग बच्चों के विशेष ध्यान की बात कही है। कोई परीक्षार्थी हाथ से दिव्यांग होने पर या चोट लगने के कारण नहीं लिख पाता है, तो उसके साथ दूसरा स्टूडेंट बैठाया जाएगा। लेकिन जिस परीक्षार्थी का एग्जाम है उसे बोलकर लिखवाना होगा। ऐसे में आधा घंटा समय भी एक्स्ट्रा दिया जाएगा। पैरों से दिव्यांग स्टूडेंटस के लिए एग्जामिनेशन रूम ग्राउंड फ्लोर पर बनाने के साथ रैंप आदि का भी ध्यान रखा गया है।

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इस बार सीबीएसई फार्म अप्लाई करते समय ही डायबिटिक स्टूडेंट से दिव्यांग श्रेणी का फार्म भरवा लिया गया था। जिससे उन्हें सुविधा मिल सके। एग्जाम सेंटर पर एक डॉक्टर भी मौजूद रहेगा, जिससे परीक्षा के दौरान स्टूडेंट को कोई प्रॉब्लम होने पर तुरंत जरूरी इलाज मिल सके। परीक्षाएं शुरू होने से पहले सेंटर इंचार्ज की एक मीटिंग रखी गई है जिसमें बता दिया जाएगा कि सभी एग्जाम रूम दिव्यांगों की सुविधानुसार हों जिससे वह आसानी से पहुंच सके।

दीपक अग्रवाल, डिस्ट्रिक्ट को-आर्डिनेटर-सीबीएसई