अब पुलिस अधिकारियों की उंगली पर चलेगी डायल 100 सेवा।

नए साफ्टवेयर से स्मार्ट फोन पर लोकल ऑफिसर कर सकेंगे मॉनिटरिंग

-29 जून से पुलिस लाइन में इसी ट्रेनिंग शुरू होगी।

बरेली:

यूपी 100 सर्विस के पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल पीआरवी पर तैनात पुलिसवाले अब इमरजेंसी कॉल पर पहुंचने में बहानेबाजी नहीं कर पाएंगे। पीआरवी की मॉनीटरिंग के लिए अब लखनऊ स्थित कंट्रोल रूम के अलावा डिस्ट्रिक्ट के लोकल ऑफिसर्स को भी एप से जोड़ा जाएगा। इसके लिए नया साफ्टवेयर बनाया गया है। लोकल ऑफिसर स्मार्ट फोन पर उंगलियां चलाकर पीआरवी की लोकेशन पर निगरानी रख सकेंगे। इसके लिए यूपी 100 की और से नए मॉड्यूल में एक सॉफ्टवेयर डेवलप किया जा रहा है। कुछ दिन बाद इस नए सॉफ्टवेयर के जरिए ही यूपी 100 का पूरा सिस्टम वर्क करेगा।

ट्यूजडे को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इस संबंध में जानकारी दी गई है। 29 जून को बरेली पुलिस लाइन में नए मॉड्यूल और इसमें वर्क करने की जानकारी पुलिसकर्मियों को दी जाएगी।

अभी कम्यूटर पर होता है वर्क- मौजूदा समय में यूपी 100 का वर्क सॉफ्टवेयर पर कर रहा है लेकिन यह सॉफ्टवेयर कम्यूटर पर ही काम करता है। इसकी मॉनीटरिंग लखनऊ में यूपी 100 हेडक्वार्टर में होती है। जिलों में निगरानी के लिए एक एक ऑफिसर को नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए है। रेंज स्तर पर एडीजी,जोन स्तर पर आईजी, और डीआईजी,एसएसपी को इसकी डायरेक्टर निगरानी की व्यवस्था अभी तक नहीं थी। उन्हें डिटेल के लिए यूपी 100 हेडक्वार्टर लखनऊ पर ही आश्रित रहना पड़ता था। वर्तमान में लोकल लेवल पर पीआरवी का रिस्पॉन्स टाइम ऑफिसर्स को पता नहीं चल पाता है।

अक्सर देरी की शिकायतें-

पीआरवी के समय से नहीं पहुंचने की प्रदेश भर में अक्सर शिकायतें लोकल लेवल पर ऑफिसर्स को मिल रही हैं, स्थानीय स्तर पर अधिकारी पीआरवी टीम से देरी का कारण पूछने पर पुलिसकर्मी लोकेशन नहीं मिलने, या सूचना ही देर से आने की बात कहकर अफसरों को गच्चा दे देते हैं। नए साफ्टवेयर पर वर्क शुरू होने के बाद स्थानीय स्तर पर भी ऑफिसर्स के स्मार्ट फोन में सूचना मिलने का समय और पीआरवी का मूवमेंट मॉनीटर किया जा सकेगा। ऐसे में पुलिसकर्मी ऑफिसर्स को झूठ बोलकर बच नहीं पाएगें।

अब ऐसे होगी मॉनीटरिंग-

नए सॉफ्टवेयर में यूपी 100 का पूरा नेटवर्क स्मार्टफोन पर भी वर्क करेगा। यह सॉफ्टवेयर जिलों के अधिकारियों के फोन में इंस्टॉल किया जाएगा। जिससे अधिकारी अपने जिले की सभी पी आर वी की निगरानी कर सकेंगे। किसी पुलिस वैन पर कौनसी कॉल आई और किस समय पीआरवी कहां के लिए रवाना हुई। उसका रिस्पॉन्स टाइम क्या रहा। मौके पर पहुंच कर क्या एक्शन लिया और उसके बाद पीडि़त या आरोपी को थाने या हॉस्पिटल लेकर किस समय पहुंची। इसके अलावा थाने से क्या एक्शन लिया गया। अधिकारी अपने स्मार्टफोन पर ही अपने शहर में पीआरवी की करंट लोकेशन भी ट्रेस और चेक कर सकेंगे।

वर्जन

यूपी 100 सर्विस को एडवांस बनाने के लिए कई नए मॉड्यूल तैयार किए जा रहे है। नए सॉफ्टवेयर के जरिए अधिकारी जिलों में स्मार्ट फोन पर एप डाउनलोड कर लोकल लेवल पर भी पीआवी की मॉनीटरिंग कर सकेंगे। थर्सडे से पुलिस लाइन में इस साफ्टवेयर पर वर्क की ट्रेंनिग दी जाएगी।

कमलेश बहादुर

नोडल ऑफिसर यूपी 100 बरेली

फिगर स्पीक

बरेली में पी आर वी का डेटा

की संख्या 84

ऑन फील्ड 79

रिजर्व 4

खराब 1

इसके अलावा पी आर वी में आने वाली प्रॉब्लम को नोट कर उन्हें ठीक कराया जाता है। छुट्टी भी जिलों से पुलिस कर्मियों को दी जाती है, लेकिन पी आर वी समय पर पहुंची नहीं पहुंची।

उसका क्या रिस्पॉन्स टाइम रहा यह पता नही चल पाता है।

शिकायत करती है - कि उन्होंने कंट्रोल रूम में सूचना दी लेकिन गाड़ी समय पर नहीं पहुंची। इसके अलावा कई बार बताया जाता है कि गाड़ी मौके पर देर से पहुंची। यहीं नहीं कई बार शिकायत मिलती है कि गाड़ी मौके पर पहुंची, लेकिन डर के चलते बाहर खड़ी रही। जब पुलिस कर्मियों से पूछा जाता है तो कहते हे की वो समय पर पहुंचे थे। यही नहीं उनका झूठ पकड़ने के लिए लखनऊ कंट्रोल रूम फोन करना पड़ता था, लेकिन अब नए मॉड्यूल के तहत ऐसा नहीं होगा।