-नई सेवा में तैनात पुलिसकर्मी जुआरियों, सटोरियों व पशु तस्करों को पकड़कर थानों को कर रहे हवाले

-पुलिस को मजबूरन लेना पड़ रहा है एक्शन, ऊपरी कमाई का बिगड़ा

-जनवरी से अब तक 30 हजार से ज्यादा कॉल्स पहुंच चुकी हैं UP डॉयल 100 पर

VARANASI

कल तक जहां पुलिस और लोकल थाने क्षेत्र में चलने वाले जुआ, सट्टा और पशु तस्करी के गोरखधंधे को नजरअंदाज कर अपनी जेब गर्म किया करते थे। वहीं अब पुलिस को मजबूरन इनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करने पड़ रहे हैं। ये सब हो रहा है सिर्फ डॉयल क्00 के चलते। दरअसल यूपी डायल क्00 के नाम से शुरू हुई इस नई सेवा के बाद अब लोकल लेवल पर चल रही छोटी छोटी आपराधिक गतिविधियों की शिकायत सीधे लखनऊ पहुंचने के बाद वहां से डॉयल क्00 के कंट्रोल रूम में पहुंच रही है। जिसके चलते अब थानों की पुलिस का गेम बिगड़ गया है। डॉयल क्00 सेवा में तैनात पुलिसकर्मी लगातार जुआरियों, सटोरियों और पशु तस्करों को पकड़कर थानों की पुलिस के हवाले कर रहे हैं जिसके बाद थानों की पुलिस को न चाहते हुए भी एक्शन लेना पड़ रहा है। क्योंकि डॉयल क्00 किसी को पकड़ती है तो थाने की पुलिस उसे छोड़ भी नहीं सकती है और मुकदमा दर्ज करना भी उसके लिए जरूरी है।

हर थाने से है एक सिपाही

पुलिस व थानों के गेम को फेल करने के लिए हर थाने से एक सिपाही को डॉयल क्00 की गाड़ी संग अटैच किया गया है। इसमें तैनात पुलिसकर्मी थानों व पुलिस का पूरा गेम जानते हैं। क्योंकि इससे पहले वे थाने में ही पोस्टेड थे। यही नहीं देखने में आया है कि डायल क्00 सेवा में तैनात पुलिसकर्मी ज्यादातर उसी थाने के हैं जहां वे पहले तैनात रहे हैं। उन्हें पता है कि किस जगह पर सट्टा या जुआ चलता है और किस एरिया में सुविधा शुल्क लेकर पुलिस खामोश हो जाती है। इसलिए वह किसी भी तरह की सूचना पर मौका नहीं छोड़ते हैं और मौके पर पहुंचकर क्रिमिनल्स को पकड़कर थाने की पुलिस के हवाले कर देते हैं। यही नहीं डॉयल क्00 के प्वॉइंट निर्धारित हैं और उन्हें राउंड पर ही रहना पड़ता है।

नहीं छोड़ सकती थाने की पुलिस

डायल क्00 सेवा में सब कुछ ऑनलाइन होता है। इसमें किसी भी सूचना को सॉफ्टवेयर के तहत फीड करना पड़ता है। उसके बाद मौके पर पहुंचने के साथ ही एक्शन रिपोर्ट भी फीड करनी होती है। यही नहीं यदि किसी को पकड़कर थाने की पुलिस के हवाले किया जाता है तो उस पर थाने की पुलिस ने क्या एक्शन लिया इसकी भी जानकारी देनी होती है। इसी के चलते थाने की पुलिस किसी भी मामले में डायल क्00 के जरिए पकड़े गए आरोपी को छोड़ती नहीं है।

हाईलाइट्स

-भ्ब् वाहन जिले में हैं डायल क्00 सेवा के लिए

- फ्ख् इनोवा और ख्ख् बोलेरो हैं शामिल

- भ्क् बेस स्टेशन हो रहे हैं आपरेट

- 0भ् रेडियो ओवर इंटरनेट ओवर इंटरनेट प्रोटाकाल बनाये गए हैं

- ख्0 मिनट में पहुंचना होता है गाडि़यों को मौके पर

- ख्0क्म् नवंबर में हुई थी शुरुआत

- 0क् जनवरी से ख्0 अप्रैल ख्0क्7 तक आई फ्0 हजार कॉल्स

-ख्भ्0 से फ्00 कॉल्स पहुंच रही हैं डेली

- क्0 हजार कॉल्स आई लड़ाई झगड़े की

- 0भ् हजार कॉल्स में महिलाओं ने उत्पीड़न की शिकायत की

- 09 हजार कॉल्स एक्सिडेंट की पहुंचीं

-09 हजार कॉल्स जुआ खेलने वाले, पशु तस्करों और चोरी के अलावा अन्य मामलों की

डायल क्00 सेवा को लेकर हर थानों को ज्यादा अलर्ट रहने को कहा गया है। इनकी ओर से कोई भी कार्रवाई होने पर कम्प्लेन लिखना जरूरी है अगर कोई थाना इसमें आनाकानी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

नितिन तिवारी, एसएसपी