प्रदेश के 32 सौ वाहनों को डेस्क कैमरे व माइक्रो फोन के नेटवर्क से जोड़ा जाएगा

आए दिन डायल-100 के पुलिस कर्मियों के खिलाफ मिल रही शिकायतों को देखते हुए विभाग ने लिया निर्णय

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ALLAHABAD: यूपी में डायल-100 पर तैनात पुलिसकर्मियों पर जल्द ही अधिकारियों की नजर होगी। वह भी सिर्फ एक क्लिक पर, पुलिस विभाग को लगातार डायल-100 पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिकायतें मिल रही थी। जिसे देखते हुए, पुलिस हेडक्वार्टर ने डायल-100 के चार पहिया वाहनों में डेस्क कैमरा व माइक्रो फोन लगाने का निर्णय लिया है। इसके लिए विभाग की तरफ से तैयारी भी तेजी से शुरू कर दी गई है। बता दें कि पिछले नवम्बर महीने में इस सेवा की शुरूआत पुलिस विभाग द्वारा आम पब्लिक की सहायता के लिए शुरू की गई थी लेकिन कुछ समय के बाद ही इस पर तैनात पुलिस कर्मियों के खिलाफ अवैध वसूली, गलत कार्यो में लिप्त होना व कई आरोप लगते रहें। जिससे विभाग की लगातार छवि धूमिल हो रही थी। इस बात को देखते हुए पुलिस हेडक्वार्टर द्वारा वाहनों में कैमरा व माइक्रो लगाने का निर्णय लिया गया।

प्रदेश भर में है 3200 वाहन

प्रदेश भर में डायल-100 के 32 सौ वाहन है। इन वाहनों को जनपद वाइस व थाने स्तर लगाया गया है। हर थाने को करीब दो से तीन वाहन दिए गए है। वहीं आवश्यकता अनुसार वाहनों की संख्या घटाई बढृ़ाई गई है। जनपद इलाहाबाद में करीब 72 वाहनों की संख्या है। वाहनों को जनपद के सभी थानों में बाटा गया है। इसके अलावा कुछ वाहनों को हाईवे पर भी लगाया गया है। जिससे दुघर्टना, लूट या फिर कोई और घटना होने पर तत्काल मदद के लिए मौके पर पहुंच और संबंधित व्यक्ति की पूरी तरह से मदद करें।

शिकायत पर हो चुकी है कार्रवाई

सिटी में डायल-100 के पुलिस कर्मियों पर कई बार एसएसपी द्वारा कार्रवाई की जा चुकी है। बावजूद इसके पुलिस कर्मी सुधरने का नाम नहीं ले रहें है। हाल ही में सीएम आदित्य नाथ के जनपद आगमन पर यमुनापार क्षेत्र में डायल-100 के वाहन में खर्राटा भर रहें कुछ पुलिस कर्मियों को वीडियो और फोटो वायरल होने पर मामले की जांच कराई गई। सही पाए जाने पर एसएसपी द्वारा डयूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीन को संस्पेंड कर दिया गया। जबकि वहीं इससे पूर्व में एसएसपी शलभ माथुर ने डायल-100 के दर्जनों पुलिस कर्मियों को अवैध वसूली में लिप्त पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की गई थी।

लगेंगे डेस्क कैमरे व माइक्रो फोन

पुलिस हेडक्वार्टर से मिली जानकारी के मुताबिक जल्द ही प्रदेश भर में दौड़ रही डायल-100 के वाहनों पर डेस्क कैमरे के साथ ही माइक्रो फोन लगाने की तैयार की जा रही है। इसके लिए विभाग ने इसी माह लाखों रुपए के इस टेण्डर प्रक्रिया को भी पुरी कर लिया है। इसी माह टेण्डर खुलने के बाद विभाग द्वारा वाहनों में डेस्क कैमरा व माइक्रो फोन लगावाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा।

इसलिए लेना पड़ा डिसीजन

विभाग द्वारा बताया गया कि पिछले काफी दिनों से डायल-100 पुलिस कर्मियों की शिकायतें पुलिस अधिकारियों को मिल रही थी। वाहनों में तैनात पुलिस कर्मी वाहनों को छोड़कर इधर उधर टहलते है। इसके अलावा वाहनों पर बैठकर अवैध वसूली, गलत कार्य करना के अलावा कई अन्य शिकायतें मिल रही थी। इतना ही वाहनों में डयूटी के दौरान पुलिस कर्मियों पर नजर रहें इस बात को खास तौर पर ध्यान रखा गया है। कि वह वाहन पर डयूटी के दौरान क्या क्या कार्य कर रहे और साथ ही वह क्या बातें कर रहें है। उनकी हर पल की जानकारी प्राप्त होती रहें। इसके लिए खासतौर पर यह कैमरा और माइक्रो फोन लगवाया जा रहा है। जब चाहें पुलिस अधिकारी किसी भी डायल-100 के वाहन को अपने मोबाइल पर देख सकते है। इसके लिए प्रक्रिया की शुरूआत हो गई है। हालांकि शुरूआत में करीब सौ से अधिक वाहनों पर ये कैमरे व फोन लगाए जाने की बात कहीं गई है।

इस तरह से काम करता है पूरा नेटवर्क

- डायल 100 का नेटवर्क पूरी तरह इंटरनेट और रोड मैपिंग पर बेस्ड है।

- शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे के कंट्रोल रूम बाइ एयर ऑनलाइन है।

- पूरे शहर को स्क्रीन के जरिए देखा जाता है।

- जहां घटना होगी, वहां का लैंडमार्क और मैपिंग सैटेलाइट के जरिए लोकेट की जाती है।

- पीडि़त व्यक्ति के कॉल करते वहां की लोकेशन तत्काल ली जाएगी।

- पीडि़त डायल 100 पर कॉल करेगा और उसके सबसे पास के कैमरे और लोकेशन को ट्रेस किया जाएगा।

- कंट्रोल रूम सबसे पास में मौजूद डायल 100 की वैन में तैनात पुलिसकर्मियों को वायरलेस सेट पर सूचना देता है।

- पुलिस टीम पीडि़त को तुरंत राहत या सर्विस उपलब्ध कराने का काम है।

- डायल 100 की टीम लोकल थाने की पुलिस को घटना की जानकारी उपलब्ध कराएंगी।

- डायल 100 के कंट्रोल रूम से पीडि़त के पास फीडबैक कॉल भी आएगी।

- उसके संतुष्ट होने के बाद कॉल पूरी मानी जाएगी, वरना पूरा प्रॉसेज दोबारा किया जाएगा।

यूनिक है इसकी सर्विस

- 100 नंबर मिलाने पर 15-20 मिनट में पुलिस मौके पर मदद के लिए पहुंचेगी।

- डायल-100 में सभी कॉल रिकॉर्ड होंगी। पीडि़त व्यक्ति के संतुष्ट होने के बाद ही केस बंद किया जाएगा।

- प्रदेश के सभी 75 जिलों में कुल 3200 चार पहिया वाहन और 1600 दो पहिया वाहन लगाए जा रहे हैं।

- सभी वाहनों में जीपीएस लगा होगा, जिससे हर व्हीकल की लोकेशन मिल सके।

- लखनऊ में अल्ट्रा-मॉडर्न कंट्रोल रूम बनाया गया है।

- आगरा और वाराणसी में भी 2 कंट्रोल रूम बनाए गए हैं।

- शहरी इलाकों में दो 15 मिनट में और ग्रामीण क्षेत्रों में 20 मिनट में पहुंचेगी।

- एम्बुलेंस, फायर सर्विस, राजमार्ग पुलिस, एकीकृत यातायात प्रबंध, वीमेन पावर लाइन, स्वास्थ्य सेवाओं को भी जोड़ा गया है।

- कॉल सेंटर पर आने वाले आंकड़ों के एनालिसिस और रिसर्च के लिए एक स्पेशलाइच्ड सेंटर बनाया जा रहा है।

-इस परियोजना पर 2325.35 करोड़ रुपए का खर्च आया है। लखनऊ में मुख्यायल तो आगरा, गाजियाबाद, झांसी और वाराणसी में सहकेंद्र बनाए गए हैं।

डायल-100 के पुलिस कर्मियों के खिलाफ लगातार विभाग को शिकायतों को देखते हुए वाहनों में डेस्क कैमरे व माइक्रो फोल लगवाए जाएंगे। जिससे कि वह डयूटी के दौरान वाहन में बैठकर क्या कर रहें उनकी बातों को और उनकी हरकतों को देखा जा सके। जल्द ही वाहनों में कैमरे व फोन लगने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

अशोक कुमार शुक्ला, एसपी हेडक्वार्टर

डायल-100 में साइड बाक्स

जनपद में डायल-100 की संख्या-71

वाहनों पर तैनात पुलिस कर्मियों की संख्या-400

बोलरो वाहन की संख्या ग्रामीण क्षेत्र में-45

इनोवा वाहन की संख्या सिटी में-26

इन पर की गई कार्रवाई

जनवरी से सितम्बर के बीच-22 निलम्बित

निलम्बित पुलिस कर्मियों पर जांच-22 जांच प्रचलित

बहाल और जांच प्रचलित पुलिस कर्मियों की संख्या-14

न बहाली होने वालों की संख्या-7

निलम्बित चल रहें- कांस्टेबल यशवंत बहादुर सिंह

इस साल इन पर हो चुकी कार्रवाई

हेड कांस्टेबल-अनिल कुमार

कानि0-निरंजन सिंह

आरक्षी चालक-रवीन्द्र कुमार उपाध्याय

हेड कांस्टेबल-रामशिरोमणि

हेड कांस्टेबल-शिव नारायण सिंह

कानि0-रणविजय कुमार

कानि0-मो तनवीर

आरक्षी-चालक राम सिंह

हेड कांस्टेबल-नरेन्द्र नाथ सिंह

हेड कांस्टेबल-सुरेश सिंह

कानि0-नियाज राईन

हेड कांस्टेबल-विनोद कुमार राय

हेड कांस्टेबल-यशवंत बहादुर सिंह

कानि0-जपर आलम

आरक्षी चालक-शिव सरन

हेड कांस्टेबल-रामानुज द्विवेदी

कानि0-अजय कुमार सागर

हेड कांस्टेबल-शिव दयाल राम

कानि0-नसीम अहमद

हेड कांस्टेबल-रामफल वर्मा

कानि0-प्रदीप कुमार

आरक्षी चालक-राम प्रकाश यादव

क्या होती है कार्रवाई

प्रभारी निरीक्षक के बी सिंह के मुताबिक डायल-100 पर तैनात अगर किसी भी पुलिस कर्मी के खिलाफ किसी प्रकार की शिकायत मिलती है। तो ऐसे में उस पुलिस कर्मी के खिलाफ पीडी की कार्रवाई की जाती है। इस दौरान उसे दंड के रुप मे एक घंटा सुबह व शाम को फिजिकल ड्रिल यानि के कंधे पर बंदूक रखवा कर उसे लगातार मैदान का चक्कर लगवाया जाता है। इसके अलावा उनकी डायरी में भी लिखा जाता है। इसके चलते उनका प्रमोशन भी रूक जाता है। तीन साल तक प्रमोशन की कोई संभावना नहीं होती है। तथा बोनस आदि में दिक्कतें होती है। एएसपी लेबल के अधिकारियों को ऐसे मामले की जांच सौपी जाती है। उनके रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी द्वारा निलम्बित की कार्रवाई की जाती है। जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाती है। ऐसे मामलों में 90 प्रतिशत आरोप सही पाए जाते है। प्रभारी निरीक्षक ने साथ में यह भी बताया कि सिटी में चलने वाली 26 इवोवा डायल 100 की गाडि़यों में डेस्क बोर्ड कैमरा लग चुका है। माइक्रो फोन लगना बाकी है।