- दी नसीहत, वर्दी से ज्यादा नेताओं के लिबास में दिखते हैं दाग

- आगामी दो अक्टूबर को हो सकती है डायल 100 की शुरुआत

LUCKNOW: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि डायल 100 सेवा शुरू करने का मकसद जनता को मुसीबत में सहायता पहुंचाना है। राज्य सरकार की इसे लेकर नीयत भी साफ है। असल जरूरत पुलिस को अपना रवैया बदलने की है। हम भाषणों में योजना का जिक्र करें और धरातल पर उसे उतार न पाएं तो यह बड़ी नाकामी होगी। वर्दी पर लगे दाग तो छिप भी जाते हैं, लेकिन नेताओं के लिबास पर लगे नहीं। जरूरी नहीं कि डायल 100 सबके काम आ सके, लेकिन इसकी कोशिश जरूर होनी चाहिए। लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करना ही सरकार का मकसद है।

अपने घर का दिया उदाहरण

मुख्यमंत्री ने अपने घर का उदाहरण देते हुए कहा कि एक माली रोज बगीचे में गिरे आम चालाकी से उठा ले जाता है। उसे सुरक्षा गार्ड अंदर जाने से रोजाना रोकते हैं, और मैं रोज उन्हें इसके लिए टोकता हूं। इसके बाद भी वे नहीं मानते। सच यह है कि पुलिस कुछ न कुछ करती रहती है। यह भी सच है कि मुसीबत में पुलिस ही लोगों के काम आती है। पुलिस के अच्छे कामों के मुकाबले बुरे कामों को प्रचार ज्यादा होता है। डायल 100 योजना के सलाहकार वेंकट चंगावल्ली की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी मदद से दुनियाभर में चल रही इमरजेंसी सेवाओं को जानने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि डायल 100 योजना लैपटॉप, समाजवादी पेंशन योजना, मेट्रो और एक्सप्रेस वे की तरह पूरे देश में उदाहरण बनेगी।

सबसे बड़ी इमरजेंसी सेवा

मुख्य सचिव आलोक रंजन ने डायल 100 योजना की खूबियां गिनाते हुए कहा कि यह गेम चेंजर का काम करेगी। इसका काम तेजी से जारी है। सिस्टम इंटीग्रेटर, सर्विस प्रोवाइडर चयन के टेंडर हो चुके हैं। यह दुनिया की सबसे बड़ी इमरजेंसी सेवा साबित होगी। वहीं वेंकट चंगावल्ली ने कहा कि दुनिया में पहली बार किसी सरकारी प्रोजेक्ट के लिए प्राइवेट प्रोफेशनल की सेवाएं ली गयी। यह मुख्यमंत्री का विजन ही है कि जल्द ही पुलिस, फायर और मेडिकल के लिए एक नंबर डायल करने पर सहायता मिल सकेगी। इस अवसर पर मंत्री राजेन्द्र चौधरी, बलवंत सिंह रामूवालिया, प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पण्डा, डीजीपी जावीद अहमद के अलावा गृह विभाग व पुलिस के तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

ये हैं खूबियां

- शहरों में 15 मिनट तो गांवों में बीस मिनट के भीतर पहुंचेगी पुलिस

- दुनिया के सबसे बड़े कॉल सेंटर (400 की क्षमता) की स्थापना

- यूपी की इलाकाई भाषाओं के अलावा विदेशी भाषाओं में भी सुनी जाएंगी कॉल

- दिव्यांगों के लिए भी होगी सुविधा, वीडियो अपलोड करने पर मिलेगी मदद

- मौके पर पुलिस पहुंचने के बाद विदेश की तर्ज पर कार्यवाही का प्रोसीजर

- एडीजी कानून-व्यवस्था ने तैयार कराए 400 स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर

- सारी कॉल रिकार्ड करके कॉल सेंटर पुलिस को आडियो, वीडियो डिस्पैच करेगा

- एक दिन में दो लाख कॉल होंगी अटेंड, हरेक वायरलेस से जुड़ेगा कॉल सेंटर

- योजना में पांच साल में 2350 करोड़ रूपये होंगे खर्च

- ग्रामीण इलाकों में डायल 100 के बारे में बताने के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी