-बच्चों में डायरिया, निमोनिया, सिप्टेसीमिया व अन्य बीमारियों के बढ़ रहे हैं केसेज

- पीएमसीएच में हर वीक डायरिया के आ रहे 40-50 पेशेंट, टेम्परेचर के उतार-चढ़ाव से बढ़ी परेशानी

PATNA: गर्मी की मार और थोड़ी सी लापरवाही ने बच्चों की सेहत बिगाड़ कर रख दी है। पीएमसीएच के पीडियार्टिक डिपार्टमेंट से मिली इंफॉरमेशन के अकॉर्डिग बीते एक सप्ताह में हर दिन एप्रॉक्स छह से आठ पेशेंट आ रहे हैं जिन्हें डायरिया की शिकायत है। इसके अलावा इमरजेंसी में इसकी संख्या दोगुनी से अधिक है। टेंपरेचर के बार-बार उतार-चढ़ाव के कारण बच्चों की सेहत पर असर पड़ा है। रह-रहकर उल्टी, दस्त, खाना न पचना, भूख नहीं लगना और साथ में डिहाइड्रेशन के कारण बच्चों की प्रॉब्लम खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।

एक महीने से है बीमार

गया के मैकलैटगंज के रहने वाले पांच साल के सोनू को तेज बुखार है। उल्टी-दस्त और बेचैनी ने उसकी हालत पस्त कर दी है। बिल्कुल सुस्त पड़ गया है। वह एक महीने से बीमार है। पीएमसीएच के इमरजेंसी में एडमिट सोनू के बारे में डॉक्टर ने बताया कि उसे डायरिया हो गया है और बीमारी के शुरूआती दौर में थोड़ी सी देरी के कारण शरीर से पानी बहुत निकल चुका है।

इंसेफलाइटिस से है परेशान

ताजपुर से आया क्फ् साल के पांचू को बार-बार उल्टी और दस्त की शिकायत है। बुखार भी रह-रह कर जोर पकड़ लेता है। सिर में दर्द ने भी बेहाल कर रखा है। पीएमसीएच के पीडियाट्रिक वार्ड में पिछले दस दिन से बेड़ पर है। उसकी मां ने बताया कि उसे भूख नहीं लगती इसलिए खाना नहीं खा रहा है।

डिहाइड्रेशन से बिगड़ गया हाल

पिछले दो दिनों से क्फ् साल की शिवानी की तबीयत खराब चल रही थी, पर जब सोमवार की रात को उसकी बहुत बिगड़ गई तो पेरेंट्स उसे पीएमसीएच इमरजेंसी ले कर आए। उसके पिता ने बताया कि देर रात उसे लगातार उल्टी होने लगी तो यहां ले आए। अभी डॉक्टर ने पानी चढ़ाया है तो थोड़ी राहत हुई।

मल्टिपल सिम्पटम और खतरनाक

बच्चों में सेप्टीसीमिया ऐसी बीमारी है जिसमें मल्टिपल सिम्पटम दिखायी देता है। इसमें छोटे बच्चे को लूज मोशन, बदन में अकड़न और वीकनेस हो जाता है। डॉक्टरों के अकॉर्डिग ब्लड के कारण पूरी बॉडी पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में डॉक्टर के पास बच्चे को लाने में देरी नहीं करनी चाहिए।

लापरवाही पड़ सकती है भारी

पीएमसीएच में पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में प्रोफेसर डॉ निगम प्रकाश नारायण ने बताया कि यह बच्चों में बीमारियों का पीक टाइम हो सकता है। इसलिए पेरेंट्स को कोई भी लापरवाही से बचना चाहिए। डायरिया, निमोनिया, इंसेफलाइटिस और सेप्टीसिमिया के कारण बच्चे कमजोर पड़ जाते हैं। बच्चों को गर्मी में पूरा बदन खुला रखने की बजाय उसे सूती या पतले कपड़े से कवर करके रखें। उन्होंने बताया कि निमोनिया के करीब ब्0 पेशेंट हर वीक आ रहे हैं।

लाल चकत्ते पड़ने पर क्या करें

गर्मी के दिनों में बच्चों के बॉडी पर लाल चकत्ते पड़ना आम है। पीएमसीएच में जेनरल फिजीशियन डॉ राजीव कुमार सिंह ने बताया कि लगातार पसीना निकलने के कारण स्किन में हेयर फॉलिकल में सोडियम का कण ब्लॉक हो जाता है। जहां भी ऐसे दाग हो उसे नॉर्मल वाटर से धो लें। इसके अलावा अगर नाक से ब्लड ब्लीडिंग हो तो पेशेंट ठंढे स्थान पर चले जाए और थोड़ी देर मुंह से ही सांस लें। ब्लीडिंग रूक जाएगी।

-दोगुनी हुई डायरिया के पेशेंट की संख्या

-महीने से हाल बेहाल

-घर पर नहीं रखें, डॉक्टर के पास जाएं

-सेप्टीसीमिया से हालत हुआ और काम्पलैक्स