उम्मीद से थोड़ा ज्यादा

ब्रांडेड हों या नॉन ब्रांडेड कपड़ों के व्यापार में थोड़ी रौनक तो जरूर देखने को मिली। व्यापारियों की माने तो पिछले वर्ष के मुकाबले 50 फीसदी भी आ जाएं तो काम बन जाए, लेकिन उम्मीद से आगे बढ़कर धनतेरस के दिन 75 फीसदी व्यापार देखने को मिला। बुढ़ाना गेट, वैली बाजार, सदर, आबूलेन, सदर, आदि बाजार की कपड़ों की दुकानों में काफी भीड़ देखने को मिली।

वरना बहुत आते ग्राहक

मेरठ जैसे शहर में सिर्फ मेरठ के ही ग्राहक नहीं आते हैं बल्कि वेस्ट यूपी के अन्य जिलों के आने वाले लोगों की भी काफी रौनक रहती है। जो इस बार काफी कम है। संयुक्त व्यापार संघ के पदाधिकारियों की माने तो अगर वेस्ट यूपी में दंगे न हुए होते तो इस बार धनतेरस में व्यापार  के सारे रिकॉर्ड टूटते। लेकिन मेरठ के आसपास जिलों में सांप्रदायिक दंगों के कारण काफी मायूसी ही रही। कोई भी घरों से डर के कारण नहीं निकला। रही सही कसर हाल फिलहाल में मुजफ्फरनगर में फिर बिगड़े हालातों ने पूरी कर दी।

'इस बार धनतेरस व्यापारिक दृष्टि से व्यापारियों के लिए काफी फीकी रही। व्यापारी भाईयों ने जिस उम्मीद के साथ दुकानों को सजाया था मुझे लगता है कि उन्हें काफी लॉस होने जा रहा है। धनतेरस के दिन बेगमपुल के बाजार, सदर बाजार, आबूलेन पर पब्लिक अपने व्हीकल ले जाने में डरती थी ताकि फंस न जाए वहां आपद आज के दिन आसानी से गाड़ी निकाल सकते हैं। क्योंकि बाजारों में भीड़ ही नहीं है। दुकानों पर बैठा व्यापारी ग्राहकों का इंतजार कर रहा है.'

- नवीन गुप्ता, अध्यक्ष संयुक्त व्यापार संघ

'कपड़ा व्यापारियों को जितनी उम्मीद थी, उससे बेहतर ही व्यापार हुआ है। पिछले साल के मुकाबले 25 फीसदी कम है। लेकिन उम्मीद से 25 फीसदी ज्यादा ही है.'

- सुनील दुआ, अध्यक्ष, सदर व्यापार मंडल