- मानकों को ताक पर रख कर तैयार हो रहे है टैंक

BAREILLY:

शहर में डीजल की होम डिलीवरी ही नहीं बल्कि, डीजल बम बनाने की फैक्ट्री भी फल-फूल रही रही हैं। रामपुर रोड पर इसका बड़ा कारखाना है। आलम यह है कि बरेली ही नहीं मुरादाबाद, पीलीभीत, रामपुर और बदायूं से भी टैंक बनाने के ऑर्डर लिए जा रहे हैं। वाहन ही नहीं ट्रॉली पर भी टैंक लगाने का काम बखूबी कर रहे हैं। इतना ही नहीं टैंक से फ्यूल की निकासी के लिए नोजल मशीन भी फेब्रीकेटर्स लगा रहे हैं। फिलिंग स्टेशन डीलर्स द्वारा फ्यूल की होम डिलीवरी किए जाने की खबर ट्यूजडे को पब्लिश करने के बाद आई नेक्स्ट की टीम टैंक बनाने वाले फेब्रीकेटर्स को खोज निकाला। जो मानक को ताक पर रख कर टैंक तैयार कर रहे हैं।

फेब्रीकेटर्स 500 से लेकर 4000 लीटर तक के टैंक तैयार कर रहे हैं। जिसकी कीमत 50 से 90 हजार रुपए के बीच हैं। विभिन्न कंपनियों के बैटरी चलित नोजल मशीन लगाने का काम भी कर रहे हैं। जिसकी कीमत 60 हजार रुपए है। जिस पर वह एक साल की गारंटी दे रहे हैं। जबकि, यह एक्सप्लोसिव नियमों के खिलाफ है। हैरत की बात है है कि आरटीओ से भी इन्होंने कोई परमिशन नहीं ले रखी है। आरटीओ आरआर सोनी ने बताया कि बरेली में टैंक बनाने की परमिशन किसी को भी नहीं है।

हिन्दुस्तान स्टील फेब्रीकेटर्स कर्मचारी से रिपोर्टर की बातचीत

रिपोर्टर - टैंक चाहिए था।

कर्मचारी - कितने लीटर का चाहिए।

रिपोर्टर - एक छोटा हाथी और एक रिक्शा ट्रॉली पर लगवाना है।

कर्मचारी - डीजल या पानी के लिए चाहिए।

रिपोर्टर - डीजल।

कर्मचारी - मिल जाएगा।

रिपोर्टर - कितने में पड़ेगा।

कर्मचारी - टैंक 50 से 90 हजार रुपए तक में है।

रिपोर्टर - ठीक हैं।

कर्मचारी - फ्यूल निकालने के लिए नोजल भी लगवाएंगे।

रिपोर्टर - हां

कर्मचारी - 60 हजार रुपए में पड़ेगा।

रिपोर्टर - किस कंपनी की नोजल मशीन है।

कर्मचारी - कई कंपनी की है। लेकिन, 300 लीटर निकालने के बाद मशीन बंद करनी होगी।

रिपोर्टर - क्यों

कर्मचारी - मशीन बैटरी से चलती है.इसलिए गर्म हो जाती हैं। जलने का डर रहता है।

रिपोर्टर - कोई गारंटी, वारंटी।

कर्मचारी - टैंक की पांच साल और नोजल मशीन की एक साल की गारंटी।