- डीजल सस्ता होने पर भी भाड़े में नहीं आएगी कोई कमी

- सिटी बस, टेंपो से लेकर रोडवेज भी कम नहीं करेगा किराया

Meerut : अगर आप इस भरोसे में हैं कि डीजल के रेट गिरने से महंगाई में कोई कमी आएगी तो इस भुलावे में आप बिल्कुल न रहें। क्योंकि न तो रोडवेज बस का किराया कम होगा और न ही टेंपो का। यहां तक कि टैक्सी और ट्रांसपोर्ट यूनियन ने भी भाड़ा कम करने से इनकार कर दिया है। ऐसे में पब्लिक को किसी भी सूरत में राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है। सवाल ये है कि रेट में कमी का मार्जिन कहां जाएगा?

मेरठ में म्0.म्ब् रुपए लीटर

डीजल के रेट कम होने के बाद रविवार से मेरठ में म्0.म्ब् रुपए लीटर डीजल बिकना शुरू हो गया। इससे मेरठ में डीजल का रेट म्ब् रुपए लीटर था। मेरठ में डीजल की खपत की बात करें तो पर डे भ्0 हजार लीटर खर्च होता है। इसी हिसाब से मेरठ में हर माह क्भ् लाख लीटर डीजल की खपत हो रही है। पहले मेरठ में करीब फ्ख् लाख रुपए का डीजल की खपत डेली हो रही थी, जो अब रेट कम होने के बाद फ्0.फ्ख् लाख रुपए हो गई है। मेरठ में क्00 डीजल के पेट्रोल पंप हैं।

नहीं आएगी कोई कमी

जब आई नेक्स्ट ने डीजल पर कीमत पर कमी आने पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के किराए पर कमी आने की बात रोडवेज के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि रोडवेज के किराए में अभी कोई कमी आने के आसार नहीं है। वैसे किराए का निर्धारण शासन की ओर से होता है। यही नहीं टेंपो चालकों ने भी किराए की कटौती को लेकर साफ इनकार कर दिया है। अभी अधिकतर रूटों पर न्यूनतम किराया म् रुपए है। लेकिन इसके पांच रुपए होने की कोई संभावना नहीं है।

टैक्सी भाड़ा भी कम नहीं

वहीं डीजल से चलने वाली टैक्सी के किराए में कोई राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है। मेरठ टैक्सी यूनियन के सचिव धर्मवीर का कहना है कि जब रेट बढ़ाए जा रहे थे हमने तभी रेट नहीं बढ़ाए थे। ऐसे में रेट गिरने के बाद टैक्सी रेट कम की बात को लेकर पहले मीटिंग की जाएगी उसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा। आपको बता दें कि नॉन एसी टैक्सी रेट पर किलोमीटर 8 रुपए हैं। जबकि एसी टैक्सी का किराया क्0 रुपए प्रति किलोमीटर है।

ट्रांसपोर्ट भाड़े में भी गिरावट नहीं

माल ढोने वाले ट्रकों में आने वाले सामान की कीमत डीजल के रेट पर पर ही तय होती है। फिर चाहे वो सब्जि हो या फिर फल। वो सभी सामान जो ट्रकों में लोड होता है। लेकिन डीजल के रेट कम होने के बाद भी इनके किराए में कोई कमी आने आसार नहीं लग रहे हैं। मौजूदा समय में ट्रांसपोर्ट का किराया एवरेज ख्भ्-फ्0 रुपए प्रति लीटर है।

तो इसलिए नहीं करेंगे कम

मेरठ ट्रांसपोर्ट यूनियन के अध्यक्ष गौरव शर्मा ने बताया कि पिछले कुछ सालों से सेंट्रल गवर्नमेंट डीजल की कीमतों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी कर साइलेंट इंजेक्शन लगा रही थी। इसके बावजूद भी हम अपने भाड़े वही रखे हुए थे। ऐसे में कीमतें कम होने के बाद रेट कम करना मुश्किल नहीं हो पाएगा। वैसे भी कंट्रोल खत्म होने से इंटरनेशनल मार्केट में काफी फ्लकचुएशन के आसार हैं। किसी भी दिन रेट कम होगा तो किसी दिन ज्यादा। ऐसे में किराए को घटाना बढ़ाना मुश्किल हो जाएगा।

वर्जन

डीजल के रेट में गिरावट आने से बहुत खुशी हुई है। डीजल महंगा होने के बावजूद हमने पिछले काफी समय से किसी भी रूट पर कोई किराया नहीं बढ़ाया है, ऐसे में डीजल सस्ता होने से रेट घटाना सही नहीं है।

- हाजी इलियास, अध्यक्ष मोटर यूनियन

डीजल के रेट में गिरावट आई है, हमने विचार किया है कि हम ग्राहकों को दृष्टिगत रखते हुए रेट कम करें। हमारे साथ सबसे बड़ी दिक्कत रह है कि हमने टैक्स देना पड़ता है, जबकि जो प्राइवेट ट्रैवलर्स है, उनको किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं देना पड़ता, वह तो अपनी मर्जी के मालिक है कितने पैसे कहां जाने के लिए मांग लेते है। हम जल्द ही रेट कम करेंगे।

- धर्मवीर, सचिव, मेरठ टैक्सी यूनियन

रोडवेज के किराए में कोई कमी आने के आसार नहीं है। सरकारी कंट्रोल खत्म होने से रेट के फ्लकचुएशन डेली होंगे। ऐसे में कब तक किराए में कमी और बढ़ोत्तरी की जाएगी। वैसे भी किराए का निर्धारण शासन द्वारा किया जाता है।

- मनोज पुंडीर, आरएम, रोडवेज

हमने तब भी किराया कम नहीं किया था जब सेंट्रल गवर्नमेंट डीजल के रेट हर महीने बढ़ा रही थी। ऐसे में अब डीजल के रेट कम होने के बाद रेट कम करना व्यापारियों के साथ ट्रांसपोटर्स के साथ अन्याय होगा।

- गौरव शर्मा, अध्यक्ष, मेरठ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन

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बड़ा सवाल

सरकार ने सस्ता किया

डीजल

मगर कम नहीं होगा

ट्रक भाड़ा

तो कैसे कम होगा

सामान

कम नहीं होगा बस या ऑटो का

किराया

तो कैसे मिलेगी जनता को

राहत