-1 से 15 दिसंबर तक की गई जीपीएस जांच में खुलासा, अधिकारियों ने मांगी ड्राइवरों की सूची
-15 दिनों की जांच में जीपीएस से अधिक आवंटित हुआ तेल, डीजल आवंटन के लिए 6 वार्डो पर एक सुपरवाइजर
GORAKHPUR: नगर निगम एक तरफ आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है तो दूसरी ओर रोजाना नए-नए घोटाले सामने आ रहे हैं। रसीद बुक की हेराफेरी में लाखों के गबन की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है कि एक बार फिर डीजल घोटाला का मामला सामने आया है। निगम की गाडि़यों के संचालन में जरूरत से अधिक डीजल आवंटित कर लाखों रुपए का गोलमाल कर लिया है। एक दिसंबर से 15 दिसंबर तक जीपीएस चिप से प्राप्त डाटा को रीड करने के बाद टैक्स प्रभारी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आकांक्षा राना ने इस हेराफेरी को पकड़ा है। मात्र 15 दिनों की जांच में ही गाडि़यों के डीजल में 15 से 20 लाख रुपए का गबन किया गया है।
निगम में 204 गाडि़यों का संचालन नियमित किया जाता है। जिन्हें प्रतिदिन 10 से 50 लीटर तेल आवंटित किया जाता है। इस व्यवस्था के तहत निगम में कई महीनों से तेल दिया जा रहा है, जो साबित करता है कि निगम अभी तेल के खेल में निगम के करोड़ों रुपए स्वाहा हो चुके हैं।
गाडि़यां संख्या तेल आवंटन
ट्रैक्टर ट्राली - 41 15 लीटर
जेसीबी - 7 40 लीटर
लोडर - 5 30 लीटर
स्वराज टै्रक्टर-12 15 लीटर
डंपर प्रेशर - 7 40 लीटर
पोक लैंड मशीन- 8 30 लीटर
टाटा एस मैजिक- 77 10 लीटर
टाटा एस डंपर - 11 40 लीटर
पोकलैंड बड़ी मशीन-3 50 लीटर
रोड स्वीपर - 1 50 लीटर
गाडि़यों में चिप केवल नाम के
तेल चोरी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए 202 गाडि़यों में जीपीएस चिप लगाई गई थी। जिसकी मॉनिटरिंग अपर नगर आयुक्त के ऑफिस से होनी है। नियमानुसार जीपीएस चिप के अनुसार, गाडि़यों का संचालन जितना किया जाता है उतने ही तेल का आवंटन होना चाहिए। लेकिन मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण ड्राइवर अभी तक बेपरवाह थे।
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने किया था खुलासा
नगर निगम में गाडि़यों से तेल निकालने का खेल काफी लंबे समय से चल रहा है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने निगम के वर्कशॉप में भी गाडि़यों से तेल निकाले जाने का खुलासा किया था। टैक्स प्रभारी आकांक्षा राना ने डीजल चोरी की सूचना को पुष्ट करने के लिए जीपीएस चिप के 15 दिनों का डाटा और तेल भुगतान की रसीद का मिलान किया तो लाखों का घोटाला सामने आ गया।
तैयार हो रहा आरोप पत्र
नगर निगम में स्थायी और अस्थायी कुल 194 ड्राइवर हैं। संचालित होने वाली सभी गाडि़यों की जांच में 90 फीसदी गाडि़यों में अधिक तेल का आवंटन किया गया था। जिन गाडि़यों को अधिक तेल आवंटित किया गया है उनकी सूची टैक्स प्रभारी आकांक्षा राना ने मांगा है। सभी गाडि़यों के संचालकों के खिलाफ आरोप पत्र तैयार किया जा रहा है। परमानेंट ड्राईवरों को आरोप पत्र सौंपा जाएगा, जबकि आउटसोर्सिग ड्राइवरों के मालिक को आरोप पत्र देकर जवाब मांगा जाएगा।
नगर निगम में ड्राइवर
परमानेंट - 28
आउट सोर्सिग - 115
कार्यवाहक स्थायी - 51
वर्जन
15 दिनों के जांच में ही 15 से 20 लाख रुपए का घोटाला सामने आ रहा है। आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र तैयार किया जा रहा है। दोषियों को बक्शा नहीं जाएगा।
आकांक्षा राना, प्रभारी, टैक्स व सफाई
मेरे कार्यकाल में फोर्थ क्लास कर्मचारी हो या आम जनता कोई भी आसानी से अपनी बात कह सकता था। भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई होती थी। इसके कारण ऐसी प्रवृत्ति के लोग कभी उभर नहीं सके।
सत्या पांडेय, पूर्व मेयर, नगर निगम