फिल्म टेक्नोलॉजी के सम्बन्ध में शायद बहुत कम लोग ही यह जानते होंगे कि शुरू से लेकर विश्व में फिल्मों की शूटिंग के लिए मैग्नेटिक टेप नहीं बल्कि वास्तविक फिल्म रोल ही इस्तेमाल होता रहा है, जो कि काफी मंहगा और इस्तेमाल में तकनीकि रूप से काफी जटिल है, लेकिन डिजिटल फिलमिंग आज के समय में फिल्म प्रोडक्शन का ऐसा नवीनतम हथियार और टेक्निकल टूल बनकर सामने आया है जो पारम्परिक सेल्यूलाइड फिल्म रोल पर होने वाली शूटिंग की झंझटों और अत्यधिक खर्चों पर लगाम लगाने में सक्षम है. हालांकि सिनेमा हॉल के पर्दे पर प्रोजेक्ट किए जाने वाले वीडियो का डाइमेंशन यानि चौडाई और उंचाई एक सामान्य हाई डिफिनीशन वीडियो की तुलना में बहुत ज्यादा होती है, ऐसे में 35/70 एम एम फिल्म रोल ही इस आकार प्रकार के वीडियो को रिकॉर्ड करने में संभव था, लेकिन आज फिल्म प्रोडक्शन के क्षेत्र में जबरदस्त विकास के चलते डिजिटल वीडियो प्रोडक्शन उपकरण बनाने वाले निर्माताओं ने फिल्मिंग के पारंपरिक तकनीक और तौर तरीकों में भी बदलाव लाने का प्रयास किया, जो कि डिजिटल फिल्मिंग तकनीकि के रूप में सामने आया.

 डिजिटल फिल्मिंग से सम्बन्धित  उपकरण बनाने वालों में पारम्परिक फिल्म कैमरा निर्माताओं जैसे (Panasonic, Sony, Panavision) के अलावा Red Filmimg और Silicon Imaging जैसे नये कैमरा निर्माता भी मैदान में आ गए डिजिटल filming के इस नये अवतार को हालांकि काफी समय तक फिल्म निर्माता बेहतर नहीं मान रहे थे, लेकिन सन 2002 में बनी Star Wars Episode II: Attack of the Clones पहली हाई प्रोफाइल हॉलीवुड फिल्म बनी जो डिजिटल फिल्म कैमरे Sony - HDW-F900 से शूट की गई. इसके बाद तमाम फिल्मों की डिजिटल मीडियम पर सफल शूटिंग की गई. लेकिन अभी यह तकनीक हॉलीवुड तक ही सीमित रही. बाद के वर्षों में हाई डिफीनीशन फिल्मिंग के सुधार क्रम में Red Digital Cinema Camera Company अमेरिका ने पहली बार 2007 में अपने 4K सिनेमा शूटिंग प्रोडक्ट Red One को लॉन्च किया. इस डिजिटल सिनेमा तकनीक के सुधार क्रम में लगातार काफी विकास हुआ. सन 2009 में Slumdog Millionaire फिल्म को ऑस्कर एवार्ड मिलने पर डिजिटल फिल्मिंग के पक्षदारों को नई मजबूती मिल गई। इसके साथ ही फिल्मों के निर्माण में डिजिटल तकनीकि के इस्तेमाल को इंटरनेशनल फिल्म इंडस्ट्रीज़ के वरिष्ठ लोगों की मौन सहमति मिल गई.

 इस कार्यक्षेत्र में हाई डिफिनीशन वीडियो की अपेक्षा 2K या 4K डाइमेंशन वाले वीडियो का इस्तेमाल करना होता है, जो कि HD Video के  (1920x1080 px) डाइमेंशन की अपेक्षा इसके दोगुने से भी अधिक होता है। इसे ही हम 2K या 4K (4096 x 3112 pixels) वीडियो के नाम से जानते हैं। यह वीडियो सामान्य TV वीडियो की तुलना में बहुत ज्यादा (Memory Weight ) भारी होता है। इसे हम कभी कभी Quad Full High Definition video भी कहते हैं। इस क्षेत्र में आजकल सबसे बेहतर वीडियो बनाने की क्षमता वाले कैमरे केवल Red Digital Cinema Camera Company कैलीफोर्निया अमेरिका ही बनाने में सफल हो सका है। Red द्वारा इस डिजिटल फिल्मिंग के लिए कई प्रकार के कैमरा प्रोडक्ट लॉन्च किए हैं, जिनमें Red Epic, Scarlet, Redone मुख्य हैं. इस तकनीक में जबरदस्त सुधार के चलते यह कहा जा सकता है कि आने वाले समय में हो सकता है कि अधिकांश सिनेमा फिल्में इन्ही डिजिटल कैमरा तकनीक पर ही शूट की जाऐं, जो फिल्मों के विकास को और गति देगा.