80 लाख रुपए का बजट शासन को भेजा गया है लाइबे्ररी को डिजिटल लुक देने के लिए 25 हजार पुस्तकें हिन्दी और उर्दू साहित्य के अलावा संस्कृत साहित्य की हैं लाइब्रेरी में 25 छात्र प्रतिदिन इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के स्नातक व परास्नातक स्तर के आते हैं लाइब्रेरी में 05 छात्र प्रतिदिन देश के विभिन्न हिस्सों के शोध छात्र लाइब्रेरी में अध्ययन करने आते हैं 22 हजार पुस्तकों का कैटलाग एक महीने में कम्प्यूटराइज्ड कर दिया गया है 03 हजार पुस्तकों का काम भी एक सप्ताह में पूरा करने का है टार्गेट दो महीने में डिजिटल लुक में नजर आएगी हिन्दुस्तानी एकेडेमी की लाइब्रेरी, दिसम्बर में शासन से बजट मिलने की उम्मीद dhruva.shankar@inext.co.in ALLAHABAD: हिन्दी साहित्य जगत के महान रचनाकार मुंशी प्रेमचंद्र हिन्दुस्तानी एकेडेमी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। उस एकेडेमी का लुक अब बदलता नजर आ रहा है। एकेडेमी की लाइब्रेरी में चार दशक से भी ज्यादा पुरानी हिन्दी और उर्दू साहित्य की पुस्तकों को डिजिटल लुक देकर संवारा जाएगा। इसके लिए एकेडेमी प्रशासन ने शासन को 80 लाख रुपए का प्रस्ताव भेजा है। दिसम्बर के दूसरे सप्ताह में लाइब्रेरी को डिजिटल लुक देने का काम शुरू होने की उम्मीद है। वेबसाइट पर पुस्तकों की दुनिया आप एकेडेमी में बैठे हैं या घर पर आपको एक क्लिक में आसानी से पता चल जाएगा कि लाइब्रेरी में संबंधित पुस्तक है या नहीं। इसके लिए एक सप्ताह में एकेडेमी की 25 हजार पुस्तकों को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। नि:शुल्क करा सकेंगे फोटोस्टेट एकेडेमी की लाइब्रेरी अभी से डिजिटल दिशा में बढ़ गई है। दस दिन पहले एकेडेमी की लाइब्रेरी का लुक बदलने का काम किया गया था। पहली बार छात्र-छात्राओं व शोध छात्रों के लिए अलग से स्टडी रूम बनाया गया है, जो पूरी तरह से वातानुकूलित किया जाएगा। यही नहीं रूम में छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क फोटोस्टेट की सुविधा भी देने का निर्णय लिया गया है। एकेडेमी की लाइब्रेरी को डिजिटल किया जाना जरुरी है। शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। पाठकों को बेहतरीन सुविधा देने के लिए उन्हें अलग से स्टडी रूम और फोटोस्टेट की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। रवीन्द्र कुमार, सचिव, हिन्दुस्तानी एकेडेमी बॉक्स हर साल आती हैं पुस्तकें इस लाइब्रेरी में कोलकता स्थित राजा राम मोहन राय लाइब्रेरी से हर दूसरे वर्ष दो आलमारी पुस्तकें आती हैं। नहीं लिया जाता है कोई शुल्क लाइब्रेरी का पाठक बनने की कोई सदस्यता शुल्क नहीं ली जाती है। किसी भी उम्र के पाठक लाइब्रेरी में आ सकते हैं।