- 30 हजार में से मात्र 1500 व्यापारियों के पास ही है स्वाइप मशीन

<- फ्0 हजार में से मात्र क्भ्00 व्यापारियों के पास ही है स्वाइप मशीन

BAREILLY:

BAREILLY:

नोटबंदी के बाद डिजिलाइजेशन की रफ्तार पर व्यापारियों ने ब्रेक लगा दिया है। ज्यादातर शॉप्स पर अब डेबिट और क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग की फैसिलिटी मिलना बंद हो चुकी है। इस तरह व्यापारी कालाधन पर लगाम लगाने की सरकार की मंशा को पलीता लगा रहे हैं, तो पब्लिक को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कार्ड पेमेंट के आदती हो चुके बरेलियंस को एटीएम की दौड़ लगानी पड़ रही है। एटीएम से भी रुपए नहीं निकले तो फिर एक सामान खरीदने के लिए शहर की परिक्रमा करनी पड़ रही है।

महज क्भ्00 पीओएस

नोटबंदी के बाद प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) की डिमांड बढ़ी थी, लेकिन उस वक्त बैंक्स डिमांड को पूरा करने में विफल हुए थे, जिसके चलते शहर में फ्0 हजार व्यापारियों के सापेक्ष महज क्भ् सौ ही पीओएस ही डिस्ट्रिब्यूट की जा सकी थी। बाद में व्यापारियों ने भी पीओएस में इंट्रेस्ट दिखाना कम कर दिया। अब उन्हें पीओएस पर मंथली चार्ज का बहाना मिल गया। लिहाजा, एक-एक कर ज्यादातर व्यापारी पीओएस की सुविधा बंद करते जा रहे हैं।

पब्लिक हो रही परेशान

टैक्स और इनकम के झमेले से बचने के लिए पेट्रोल पम्प सहित बड़े-बड़े शॉप पर भी पीओएस नहीं लगे हैं, जिन व्यापारियों ने पीओएस लगाए भी हैं उनके यहां मशीने खराब ही पड़ी रहती है। लिहाजा, लोगों को शॉपिंग के दौरान खासा प्रॉब्लम्स फेस करनी पड़ती है। क्योंकि, शहर के अधिकतर एटीएम खराब और कैशलेस होने से लोगों के पास कैश की भी भारी किल्लत रही है। ऐसे में चार दुकानों पर चक्कर लगाने के बाद कहीं जाकर लोग जरूरी सामान खरीद पाते हैं।

बैंक पर झाड़ रहे पल्ला

व्यापारी अपना पल्ला बैंक के ऊपर झाड़ रहे हैं। उनका कहना है कि बैंक पहले व्यापारियों को पीओएस सिक्योरिटी मनी जमा करवा के दे देते थे, लेकिन अब 800 रुपए मंथली रेंट ले रहे हैं। साथ भ्00 रुपए के ट्रांजेक्शन पर 0.ख्भ्, क्,000 तक पर आधा परसेंट, क् से ख् हजार तक पर क् परसेंट और ख् हजार से ऊपर के ट्रांजेक्शन पर ख् परसेंट तक कमीशन व्यापारियों से लिए रहे हैं। हालांकि मंथली रेंट में इंटरनेट चार्ज भी जुड़ा हुआ है। यह सर्विस व्यापारियों का रास नहीं आ रही है। व्यापारियों को कहना है कि मंथली रेंट, कमीशन के साथ -साथ जितने रुपए का ट्रांजेक्शन हो रहा है उस पर सरकार को टैक्स भी देने पड़ रहे हैं।

बॉक्स

- क्भ्0 करोड़ रुपए बरेली के लोग हर वर्ष जमा करते हैं टैक्स।

- म्0 हजार लोग हैं टैक्सपेयी।

- 80 परसेंट लोग नकद खरीद-बिक्री कर रहे हैं।

- ख्0 परसेंट डिजिटल पेमेंट सामान्य

व्यापार में हो रहा है।

- फ्0 हजार छोटे-बड़े व्यापारी शहर में हैं।

- क्भ्00 व्यापारियों के पास ही लगे हैं स्वाइप मशीन।

- बैंक्स पीओएस का वसूल रहे 800 रुपए मंथली रेंट

- पहले पीओएस के लिए ब्00 से भ्00 सिक्योरिटी मनी जमा करनी पड़ती थी

यह एक अच्छी सुविधा है। जिसे सभी संस्थानों और प्रतिष्ठानों को अपनाना चाहिए। डिजिटलाइजेशन से लोग जुड़े इसके लिए समय-समय पर कार्यक्रम किए जाते हैं।

ओपी वडेरा, मैनेजर, लीड बैंक, बीओबी

पहले बैंक को सिर्फ सिक्योरिटी मनी देनी पड़ी थी। जिसकी वजह से व्यापारी पीओएस आसानी से लगवा लेते थे। अब ऐसा नहीं मंथली रेंट होने की वजह से व्यापारी डिजिटलाइजेशन से कट रहे हैं।

राजेश जसोरिया, प्रेसीडेंट, यूपी उद्योग व्यापार मंडल

ज्यादातर पेट्रोल पम्प पर पीओएस लगे हुए हैं। यदि, किसी पार्टिकुलर किसी पम्प पर पीओएस नहीं लगे हुए हैं, तो उनसे इस संबंध में बात कर सुविधा शुरू करवाई जाएगी।

अनिल अग्रवाल, प्रेसीडेंट, पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन बरेली

एटीएम से कैश नहीं निकल रहे हैं। ऊपर से जिस भी दुकान पर जाओ स्वाइप मशीन नहीं लगी है। जिसकी वजह से किसी भी चीज की परचेजिंग करने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है।

धनंजय सिंह, सिविल लाइंस