इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज में डिजिटल फोटोग्राफी कार्यशाला

ALLAHABAD: तकनीकी ने फोटोग्राफी विधा को नए आयाम दे दिये हैं। सच है कि फोटोग्राफी दुनिया की सबसे बड़ी हॉबी बन चुकी है और यही वजह है कि एक साथ कई इण्डस्ट्री फोटोग्राफी पर ही आधारित हो गयी है। इसलिए जरूरी है कि फोटोग्राफी से जुड़ी नई तकनीक को बेहतर ढंग से समझा जाए और उन्हें लेकर नए प्रयोग किये जाएं। यह बात जयपुर के प्रख्यात छायाकार उमेश गोगना ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेण्टर ऑफ मीडिया स्टडीज में आयोजित डिजिटल फोटोग्राफी कार्यशाला में कही।

सामने है छायाकारों की नई फौज

गोगना ने कहा कि अब यह एक ऐसी विधा के रूप में सबके साथ है, जिसके बिना किसी भी क्रिएटिव इण्डस्ट्री का आगे बढ़ना असम्भव है। ऑनलाइन दुनिया के विस्तार लेने और मोबाइल में फोटोग्राफी टूल के बेहतर होते जाने से छायाकारों की एक नई फौज हमारे सामने आ गयी है। गोगना ने कहा कि इन दिनों फैशन और विज्ञापन फोटोग्राफी में संभावनाएं बढ़ी हैं।

कैमरे की बारीकियों से कराया परिचित

गोगना ने एमवोक व बीवोक इन मीडिया स्टडीज तथा बीए इन मीडिया स्टडीज द्वितीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए आयोजित डिजिटल फोटोग्राफी कार्यशाला में कैमरे की बारीकियों से परिचित कराया। उन्होंने प्रोडक्ट फोटोग्राफी व फैशन फोटोग्राफी का भी प्रशिक्षण दिया। चार दिनों तक चलने वाली कार्यशाला में एक दिन आउटडोर फोटोग्राफी का भी होगा। कार्यशाला के प्रारम्भ में सेन्टर के कोर्स कोऑर्डिनेटर डॉ। धनंजय चोपड़ा ने उमेश गोगना का स्वागत किया। फोटोग्राफी अध्यापक एसके यादव ने गोगना का परिचय व कार्यशाला की रूपरेखा रखी। इस अवसर पर सेन्टर के अध्यापक विद्यासागर मिश्र, सचिन मेहरोत्रा, अमित मौर्या, डॉ। ऋतु माथुर व प्रियंका मिश्रा भी उपस्थित थीं।