छोड़ो कल की बातें

 पहले लोग शादी के कार्ड छपवाते थे और फिर एक-एक करके सभी रिश्तेदारों, मिलने वालों के घर जाकर  निमंत्रण देते थे। इसके बाद कुछ लोगों ने दूर दराज के दोस्तों को इंवीटेशन देने के लिए ईमेल का इस्तेमाल करना शुरू किया। लेकिन मौजूदा दौर में शादी के इंवीटेशन से लेकर वेडिंग सेरेमनी फंक्शन कम्पलीट हो जाने तक के लिए वेबसाइट बनवाने का ट्रेंड बढ़ गया है। शादियों के इस सीजन में ही शहर के कई लोगों ने अपनी शादी के इंवीटेशन से लेकर पूरे फंक्शन को वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन कर दिया है। खास बात ये है कि इस तरह की वेबसाइट बनवाने की लागत भी कार्ड छपवाने जितनी ही है। सिटी के कुछ वेब डिजाइनर्स के मुताबिक लोग इस तरह की वेबसाइट बनवाने आ रहे हैं।

वेबसाइट्स में क्या है खास

वेब डिजाइनर अभिनव गुप्ता बताते हैं कि इन वेबसाइट्स में शादी और उसकी तैयारियों से रिलेटेड खास चीजों की कैटेगरी तैयार की जाती है। शादी का इंवीटेशन कार्ड होने के अलावा कपल अपनी रिलेशनशिप की स्टोरी, फैंड़्स और फैमिली के इंट्रोडक्शन के साथ उनकी स्टोरी को भी अपलोड कर सकते हंै। इसके अलावा फोटो के लिए सेपरेट फोटो गैलरी  बनाई जाती है। नए ट्रेंड में शादी के वेन्यू को गूगल मैप के जरिए अटैच कर दिया जाता है, जिससे अदर सिटी से आने वाले गेस्ट को वेन्यू ढूंढने में परेशानी का सामना न करना पड़े। साथ ही वेबसाइट के लिंक को सोशल साइट्स पर भी शेयर कराया जाता है। वेबसाइट के  जरिए शादी की फोटो और वीडियो शेयर करने का कॉन्सेप्ट अपनी शादी के बेस्ट मूड-मूमेंट्स को अपने सभी नियर-डियर तक पहुंचाने का है। अपनी शादी के लिए वेबसाइट डिजाइन करवा रहे सिविल लाइंस के ललित साजनानी बताते हैं कि उसके कई दोस्त और फैमिली मेंबर्स दूसरे शहरों में रहते हैं और शादी अटेंड करने के लिए सब आ पाएं ये भी पॉसिबिल नहीं है। वेबसाइट के जरिए वह शादी कैसे तय हुई? इसके  अलावा अपनी मंगेतर के बारे में पूरी जानकारी को फोटो के साथ बेवसाइट पर अपलोड  कर सकता हूं। शादी होने के बाद फोटो अल्बम बनवाने की बजाए  वेबसाइट पर ही फोटो और वीडियो को अपलोड कर दूंगा।

वेबसाइट पर इंटरेक्शन भी

ऐसी वेबसाइट इंटरएक्टिव भी होती हैं। इसमें गेस्ट कमेंट्स के अलावा विश करने के लिए भी अलग से ऑप्शन दिया जाता है। वेबसाइट को सोशल साइट्स के साथ अटैच होने से बड़े स्तर पर लाइक्स, कमेंट्स और फीडबैक मिलते हैं। वेडिंग को यादगार बनाने के लिए यूथ को ये नया तरीका बेहद पसंद आ रहा है।

इंवीटेशन कार्ड से भी कम खर्चा

वेब डिजाइनर राहुल साहू बताते हैं कि एचटीएमएल बेस्ड वेबसाइट बनवाने में दो हजार से 5 हजार रुपए तक का खर्चा आता है। वहीं पीएचपी वेबसाइट बनवाना थोड़ा महंगा पड़ता है लेकिन यह भी मैक्सिमम 10 हजार में तैयार हो जाती है। इसके अलावा ज्यादा फीचर्स अपलोड कराने से लागत बढ़ती जाती है।

वेबसाइट में सबके लिए खास

शादी से पहले बनाई जाने वाली वेबसाइट्स पर कपल के अलावा उनके जानने वाले हर शख्स के लिए कुछ ना कुछ खास होता है। एडीशनल फीचर्स में वेबसाइट बनवाने वाले लोग अपने खास दोस्तों और नियर-डियर के लिए भी अलग से वेब स्पेस का अरेंजमेंट करते हैं। जिसमें उनके फोटो और दोस्ती के कुछ खास किस्से-कहानियों को शेयर किया जाता है।

सीजन में वेबसाइट हिट

बेवसाइट डिजानिंग का काम करने वाले राहुल साहू बताते हैं कि बरेलियंस में शादी के लिए वेबसाइट बनवाने का ट्रेंड इसी साल ज्यादा देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि उनके  पास जनवरी में ही पांच से छह लोगों ने वेबसाइट बनवाई है और सिटी के बाहर से भी कई लोगों ने ऐसी वेबसाइट बनवाने के लिए कान्टैक्ट किया है। शादी के लिए वेबसाइट बनवाने का ट्रेंड दिल्ली एनसीआर, बेंगलूरू और पुणे में ज्यादा है। वहां भी सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री का हब होने के कारण  वहां इस तरह की चीजें होना आम बात है।  

क्या फायदे हैं

-एक बार बनने के बाद इसे टाइम टू टाइम अपडेट किया जा सकता है

-प्रोग्राम में अगर कोई चेंज होता है तो उसकी जानकारी भी अपलोड की जा सकती है।

-गूगल मैप्स से जुड़ा होने के कारण शादी के वेन्यू की सेटेलाइट से लोकेशन देख सकते हैं

-शादी के अल्बम से अलग, दोस्तों और फैमिली मेंबर को जोड़ कर और इंटरएक्टिव बन सकते हैं,साथ ही सोशल साइट्स से टैग भी कर सकते हैं, सिक्यूरिटी फीचर भी मौजूद।