एमजीएम हॉस्पिटल में एक मां अपनी दो साल की बच्ची के साथ एडमिट है। उस बच्ची को देखकर कोई नहीं कह सकता कि उसकी उम्र दो साल है। वह बिलकुल नवजात शिशु की तरह दिखती है। डॉक्टर्स का कहना है कि बच्ची को टीबी है और जब तक इसे भरपूर और पौैष्टीक खाना नहीं मिलेगा इसकी हालत ठीक नहीं होगी।

उम्र दो साल पर दिखती है नवजात
2 साल की बच्ची नेहा अपनी मां के साथ एमजीएम हॉस्पिटल के चिल्ड्रेन वार्ड में एडमिट है। उसका फिजिकल ग्र्रोथ रुक गया है जिससे वह किसी नवजात शिशु की तरह लग रही है। यहां उसका ट्रीटमेंट तो चल रहा है, लेकिन खाने में वही सब दिया जा रहा है जो आम तौर पर हॉस्पिटल के दूसरे पेशेंट को मिलता है। ऐसे में इसके जल्द रिकवर करने की संभावना कम ही नजर आ रही है।

बच्ची को है मालन्यूट्रिशन टीबी
एमजीएम हॉस्पिटल के चिल्ड्रेन वार्ड के मेडिकल ऑफिसर डॉ बी साहा कहते हैैं कि यह बच्ची पूरी तरह क्योर हो सकती है, लेकिन इसके लिए इसे पौष्टीक खुराक की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बच्ची को मालन्यूट्रिशन टीबी (कॉक्स) है। इससे इसकी बॉडी का प्रोपर ग्र्रोथ नहीं हो पा रहा है। वे कहते हैैं कि 2 साल की एज में इसका वजन कम से कम 12 किलोग्र्राम होना चाहिए, लेकिन है लगभग 4 किलोग्र्राम। वे कहते हैैं कि मेडिसीन के साथ इसे पौष्टीक आहार की जरूरत है, तभी यह जल्द से जल्द रिकवर कर सकेगी।

क्या है कहानी?
नेहा की मां बबीता कदमा की रहने वाली है। वह दैनिक मजदूरी करती थी। इस दौरान उसकी मुलाकात राहुल नामक ट्रक ड्राइवर से हुई। दोनों में प्यार हुआ और उन्होंने शादी कर ली। शादी के बाद भी राहुल उसे अपने घर न ले गया। जब उसे छुïट्टी मिलती वह वाइफ के मायके चला जाता था। वहीं नेहा का जन्म हुआ। इसके बाद भी सब कुछ इसी तरह चलता रहा। बाद में पता चला कि नेहा को मालन्यूट्रिशन टीबी है। पर राहुल ने कोई ध्यान नहीं दिया। एक बार फिर से बबीता प्रेग्नेंट हो गई है। उसे 8 माह का गर्भ है। अब वह अपनी बच्ची नेहा के इलाज के लिए एमजीएम हॉस्पिटल में है। उसने बताया कि दो माह पूर्व उसके पति राहुल ने दूसरी शादी कर ली है। बबीता की मां काम कर घर का खर्च चलाती है। ऐसे में बबीता को अपना व अपनी बच्ची का पेट भरने की प्रॉब्लम सता रही है।