2004 में किया था इंटरनेशनल डेब्यू

साल 2003 की बात है इंडिया 'ए' टीम को जिंबाब्वे दौरे पर भेजा गया था। उस टीम में दिनेश कार्तिक और महेंद्र सिंह धोनी शामिल थे। माही और कार्तिक दोनों के पास बेहतरीन चांस था, जो अच्छा प्रदर्शन कर ले उसको भारतीय टीम में एंट्री मिल जाती। इस दौरे पर धोनी कार्तिक को प्रैक्टिस कराया करते थे। दिनेश ने दो अर्धशतक लगाए और ठीक एक साल भारतीय टीम में जगह बना ली। कार्तिक ने सितंबर 2004 में इंग्लैंड के विरुद्ध अपना पहला वनडे इंटरनेशनल मैच खेला। हालांकि वह इस मैच में कुछ खास नहीं कर सके और एक रन बनाकर आउट हो गए। कार्तिक टीम में अपनी जगह पक्की करते कि 3 महीने बाद दिसंबर में एमएस धोनी ने बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज भारतीय टीम में एंट्री मारी। इसके बाद क्या हुआ, वह सभी को मालूम है। धोनी दिनों-दिन तरक्की करते गए और कप्तान तक बन गए।

टीम में कभी जगह नहीं हो पाई पक्की

धोनी के आने के बाद कार्तिक को टीम में जगह मिल पाना मुश्किल सा हो गया। 2004 में एक मैच खेलने के बाद 2005 में उन्हें कोई मौका नहीं मिला। वहीं अगले साल सिर्फ 3 वनडे खेले। इसके बाद साल दर साल वह टीम में आते-जाते रहे और रन बनाते रहे। निदाहास ट्रॉफी में जब माही को रेस्ट दिया गया था, उनकी जगह कार्तिक को शामिल किया गया था और भारत को आज ट्रॉफी दिलाने में कार्तिक की सबसे बड़ी भूमिका रही।

तो क्या फिर होंगे बाहर

अब जब निदाहास ट्रॉफी खत्म हो चुकी है तो अगले दौरे के लिए भारतीय टीम में एमएस धोनी की वापसी होगी। अब टीम मैनेजमेंट कार्तिक को धोनी से ज्यादा तरजीह नहीं देगा। वहीं एक टीम में दो-दो विकेटकीपर बल्लेबाज खिलाने का कोई मतलब नहीं बनता। यानी कि इतना अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद कार्तिक को फिर से टीम से बाहर होना होगा।

ऐसा है क्रिकेटिंग करियर

कार्तिक ने भारत की तरफ से 23 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 27.77 की औसत से 1000 रन बनाए हैं। इसमें एक शतक और 7 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं वनडे की बात करें तो उनके नाम 79 मैचों में 1496 रन दर्ज हैं। हालांकि वनडे में उन्होंने कोई शतक तो नहीं लगाया, मगर 9 अर्धशतक जरूर खाते में हैं।

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